जयपुर
अलवर गैंगरेप पीड़िता राजस्थान पुलिस की सिपाही बनेगी. थानागाजी गैंगरेप शिकार महिला ने सरकारी नौकरी की मांग की थी .उसके बाद उसकी शिक्षा के और उसकी इच्छा के अनुरूप सरकार के स्तर पर उसको नौकरी देने के तैयारी पूरी कर ली गई है।
बताया जा रहा है कि पीड़िता से सरकार ने नियुक्ति की जगह पूछी थी, इसमें पीड़िता ने जयपुर सिटी में नियुक्ति मांगी है. पीड़िता और उसके परिवार से सलाह लेने के लिए राजस्थान सरकार की महिला कॉन्स्टेबल की एक टीम उसके घर गई थी।
सरकार की ओर से टीम से यह पूछने को कहा गया था कि पीड़ित महिला से पूछ कर आए कि वह राजस्थान पुलिस में या फिर जेल पुलिस में कॉन्स्टेबल का पद चाहती है. पूछने पर पीड़िता ने राजस्थान पुलिस नहीं कांस्टेबल की नौकरी के लिए सहमति दी।
पीड़िता की सहमति के बाद छुट्टी के दिन सरकारी दफ्तर खुले और पूरी कार्रवाई की गई. कहा जा रहा है कि पीड़िता के राजस्थान पुलिस के सिपाही बनने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
इससे पहले पीड़िता ने कहा था कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी. इस बीच एफआईआर में पीड़िता ने कहा था कि उसने अपने वायरल वीडियो और फोटो यूट्यूब पर बने एक चैनल में देखे थे. सरकार ने पहली बार किसी यूट्यूब चैनल वीडियो वायरल करने का मुकदमा दर्ज किया है।
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की यात्रा के बाद अशोक गहलोत ने रिकॉर्ड 16 दिन में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर यह जताने की कोशिश की है सरकार कठोर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गैंगरेप पीड़िता से मुलाकात की थी और पीड़िता को न्याय दिलाने का वादा किया था. उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की थी कि पीड़िता को त्वरित न्याय देने की व्यवस्था की जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
अलवर गैंगरेप को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे. यह सवाल इसलिए उठाए गए क्योंकि अलवर गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी बहुत देर से हुई थी।