जयपुर । राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन राजनीति का अखाड़ा बन गई है इसे भी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने-अपने वर्चस्व की लड़ाई बनाते हुए इसे राजनीति का अखाड़ा बना दिया है और आखिर आज राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने इस्तीफा दे दिया है ।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशंस के अध्यक्ष वैभव गहलोत ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया एक्सप्लेन फार्म पर दी है अपने एक्स प्लेटफार्म पर उन्होंने रेखा की साल 2019 में मैं आरसीए के अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित होने के बाद काम शुरू किया था ।
सभी जानते हैं कि 2017 में सीपी जोशी के आरसीए अध्यक्ष बनने से पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की क्या स्थिति थी और राजस्थान क्रिकेट की कैसी दुर्दशा थी गहलोत ने कहा कि जब हम सत्ता में थे तभी 15 से 20 साल के लिए एमओयू कर सकते थे।

लेकिन हमने ऐसा नहीं किया और नियमों से चले। वैभव गहलोत का कहना है कि पिछले दिनों सवाई मानसिक स्टेडियम में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर जो कार्रवाई हुई उससे मुझे लगा के अब भाजपा सरकार मुझे काम नहीं करने देगी इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं
बताया जाता है कि वैभव गहलोत के खिलाफ आज ही है विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था लेकिन उन्होंने उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया है। अब वैभव गहलोत के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के नए अध्यक्ष पद को लेकर कवायद शुरू हो गई है और इस पद पर नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह तथा चूरू जिला संघ के अध्यक्ष पराक्रम सिंह दौड़ में शामिल है इनमें से अध्यक्ष का ताज किसके सिर पहनाया जाएगा या आने वाला समय बताएगा