आंदोलन के मद्देनजर गुर्जर बाहुल्य 8 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू

Dr. CHETAN THATHERA
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File Photo - किरोड़ी सिंह बैंसला

Jaipur news। बैकलॉग एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर गुर्जर समाज की ओर से दी गई चेतावनी के मद्देनजर भरतपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। भरतपुर जिले के बयाना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस बल की कंपनियां बयाना पहुंच रही हैं। राजस्थान में 1 नवंबर को गुर्जर आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए राज्य सरकार ने गुर्जर बाहुल्य भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ और करौली में रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है। राज्यपाल की आज्ञा से गृह विभाग के शासन सचिव एनएल मीणा ने शनिवार दोपहर इस संबंध में आदेश जारी किए।

 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए इन 8 जिलों के कलेक्टर्स को रासुका का प्रयोग करने के अधिकार दिए हैं। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अति पिछड़ा वर्ग यानी एमबीसी वर्ग के पांच फीसदी आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर एक नवंबर को दोबारा आंदोलन की राह पकडऩे का एलान किया है। 17 अक्टूबर को अड्डा गांव में हुई गुर्जर समाज की महापंचायत में राज्य सरकार को मांगों के लिए 15 दिन का समय दिया गया था।
 
गुर्जर आंदोलन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस ने व्यापक तैयारी की है। सुरक्षा बलों की 19 कंपनियां गुर्जर बहुल इलाकों में भेजी गई हैं। करौली और भरतपुर के गुर्जर बहुल क्षेत्रों में बीती रात 12 बजे से इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जरूरत पडऩे पर पूरे करौली और भरतपुर को भी इस दायरे में लिया जाएगा। दौसा, कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर और जमवारागढ़ में में शनिवार शाम 6 बजे तक 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। भरतपुर के बयाना में जीआरपी के 50 और आरपीएफ के 150 जवान पहुंच चुके हैं।
 

क्या है रासुका कानून

 
ये कानून राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने वालों पर नकेल डालने के लिए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा खड़ी कर रहा है तो वह उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे भी इस कानून में गिरफ्तार करवा सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के कार्यकाल में अस्तित्व में आया था।
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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम