कांग्रेस के तमाम विधायकों और मंत्रियों के एकसीधे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के खाते में पहुंची
जयपुर। संगठन चलाने और रोजमर्रा के खर्चे के लिए पार्टी के मंत्री-विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को साल में एक बार 1 माह का वेतन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के खाते में देने के लिए मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशो के आदेशों को बार-बार दरकिनार करने वाले जनप्रतिनिधियों पर सख्त एक्शन लेते हुए प्रदेश कांग्रेस ने सीधे मंत्री विधायकों के खाते से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक फार्मूला अपनाया गया जिसके तहत कांग्रेस के 108 मंत्री-विधायकों से 1 माह का वेतन सीधे विधानसभा से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के खाते में पहुंचा है।
बकाया 88 लाख में से 63 लाख रुपए पीसीसी के खाते में जमा
वहीं मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक मार्च माह में मंत्री विधायकों पर बकाया चल रहे हैं 88 लाख रुपए में से 63 लाख रुपए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के खाते में जमा हुए हैं और शेष बचे पैसे अगले माह पीसीसी के खाते में जमा होंगे।
दरअसल मंत्री-विधायकों को लंबे समय से पीसीसी की ओर से नोटिस और रिमाइंडर भेजकर पैसा जमा कराने को कहा जा रहा था लेकिन हर बार ही मंत्री-विधायक इसकी अवहेलना कर रहे थे। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस ने सख्त एक्शन लेते हुए हाल ही में मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में सभी मंत्रियों-विधायकों से मार्च माह का वेतन पीसीसी के खाते में जमा कराने के लिए सहमति हस्ताक्षर लिए गए थे और उसके बाद उसे विधानसभा को सौंपा गया था जिसके बाद विधानसभा से सीधे ही मंत्री विधायकों के 1 माह का वेतन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के खाते में पहुंचा और कुल 63 लाख रुपए पीसीसी के खाते में जमा हो गए अब शेष बचे पैसे अगले माह फिर पीसीसी के खाते में आएंगे।
क्या हैं मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिश
दरअसल मनमोहन सिंह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक मंत्री-विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों, बोर्ड निगमों के चेयरमैन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पीसीसी मेंबर, एआईसीसी मेंबर, जिला प्रमुख, उपजिला प्रमुख के लिए अलग-अलग राशि फंड के तौर पर साल में एक बार देने के प्रावधान निर्धारित किए गए हैं।