भाजपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस के 6 विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का नोटिस विधानसभा सचिव को सौंपा

6 MLAs of BJP handed over the notice to the Assembly Secretary to bring a proposal for breach of privilege against 6 MLAs of Congress

Jaipur News। राजस्थान में राजनीति में एक बार फिर भाजपा ने फिर से कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे मामले को लेकर आक्रमण देश कर दिए हैं आज विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के मामले को हाईकोर्ट ले जाने पर जहां निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आए थे तो वहीं अब भाजपा ने भी इस मामले में कांग्रेस पर पलटवार किया है।

भाजपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस के 6 विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का नोटिस विधानसभा सचिव को सौंपा है। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव का नोटिस आज विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।

गुरुवार को भाजपा विधायक रामलाल शर्मा, अभिनेश महर्षि, अशोक लाहोटी, जोगेश्वर गर्ग, अनिता भदेल और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस के मंत्री शांति धारीवाल,महेश जोशी, रामलाल जाट, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, कांग्रेस विधायक रफीक खान और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लेकर आए हैं।

बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा और अशोक लाहोटी ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के 6 विधायकों पर आरोप लगाया कि कांग्रेस के इन 6 विधायकों ने अन्य विधायकों पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया था और यहीं विधायक कांग्रेस के अन्य विधायकों के इस्तीफे लेकर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के आवास पहुंचे थे।

भाजपा विधायक कहना है कि हाईकोर्ट को दिए जवाब में भी विधानसभा ने माना है कि कांग्रेस विधायकों ने अपने इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं दिए थे ।

इसलिए उनके इस्तीफे स्वीकार किए गए थे ऐसे में जब कांग्रेस विधायकों ने अपने इस्तीफे अपनी इच्छा से नहीं दिए थे तो फिर उन पर दबाव डालकर किसने इस्तीफा दिलवाया था।

भाजपा विधायकों की ओर से लाए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और कैबिनेट मंत्री टीका राम जूली ने कहा कि भाजपा विधायकों के आरोपों में कोई दम नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा केंद्र सरकार का बजट पूरी तरह से फेल हो गया है अब केंद्र के बजट पर जवाब देने की बजाय भाजपा विधायक सदन से भागना चाहते हैं इसलिए ऐसे मुद्दे उठाकर सदन में शोर-शराबा करके सदन से भागना चाहते हैं।

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार की जाने के बाद यह मुद्दा ही खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा गिराने का काम तो राजेंद्र राठौड़ ने किया था, वह इस मामले को हाईकोर्ट ले गए थे जबकि वह सदन में विधानसभा की गरिमा को लेकर बड़े-बड़े उदाहरण देते हैं।

उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचे हैं और मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।

वही कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि हमने किसी भी विधायक पर इस्तीफा देने का दबाव नहीं बनाया है। विधायिका और न्यायपालिका का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है।

विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का अधिकार सभी का है, प्रस्ताव लागू करना है या कमेटी को भेजना है इसका फैसला तो विधानसभा स्पीकर करते हैं।