कोरियर कंपनी की फे्रंचाइजी देने का झांसा देकर 200 लोगो से ठगे करोड़ो रुपए

क्राइम ब्रांच व शिप्रापथ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, दो शातिर ठग गिरफ्तार
राजस्थान, मुबंई व मध्यप्रदेश में फर्जी कंपनी खोल लगाया लोगो को चूना
जयपुर। शहर की शिप्रापथ पुलिस व क्राइम ब्रांच ने अंतराज्जीय स्तर पर ठगी की वारदातें करने वाले दो लोगो को गिरफ्तार किया है। जितेन्द्र सिंह यादव व मुकेश कुमावत नाम के यह दोनो शख्स डाकघर की तर्ज पर कोरियर कंपनी खोल कर उसकी फे्रंचाइजी देने का झांसा देकर लोगो से रुपए हड़पते और आॅफिस बंद कर भाग जाते। पुलिस ने दोनो को अलवर व लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
डीसीपी क्राइम विकास पाठक ने बताया दिसंबर 2017 में शिप्रापथ थाने में अंकुश अग्रवाल व लक्षमीकांत ने मामला दर्ज करवाया था कि जितेन्द्र यादव निवासी बहरोड़ अलवर व मुकेश कुमावत निवासी करधनी जयपुर ने अखबार में विज्ञापन देकर कोरियर कंपनी की फें्रचाइजी खोलने के दावे किए। विज्ञापन पढ़ने के बाद तीन लोगो ने मुकेश व जितेन्द्र की कंपनी जेके लॉजिस्टिक एण्ड ई डॉट कॉम डिलीवरी में संपर्क किया। मुकेश व जितेन्द्र ने उनको बताया कि उनकी कंपनी डाकघर की तर्ज पर कोरियर कंपनी शुरू की है जिसका हैड आॅफिस मुबंई में है। फें्रचाइजी, डीलर, डिस्ट्रब्यूटर व सुपर डिस्ट्रब्यूटर के रूप में है जिसको लेने की एवज में क्रमश 55 हजार, 1 लाख व डेढ़ लाख रुपए देने होगे। इस पर परिवादियों ने उनकी बातों में आकर उनके बताए कर्नाटका बैंक व सिंडीकेंट बैंक खाते में जमा करवा दिया। रुपए जमा करवाते ही उनको कंपनी की तरफ से एक सर्टिफिकेट भी बना कर दिया गया और यह कहां गया कि मुबंई हैड आॅफिस से पेपर साइन होकर आते ही वे अपना काम शुरू कर सकते है। काफी समय बीत जाने के बाद भी जितेन्द्र व मुकेश ने कोरियर की फे्रंचाइजी नहीं दी तो एक दिन परिवादी मानसरोवर स्थित आॅफिस गए तो पता चला कि कंपनी आॅफिस बंद कर भाग गई है और दोनो शातिर ठग और भी कई लोगो के साथ ऐसी वारदात कर फरार हुए है।
एडीसीपी साउॅथ मनोज चौधनी ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 13 जून को जितेन्द्र को बहरोड़ अलवर व मुकेश को लखनऊ उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया है। दोनो ने पूछताछ में बताया कि उन्होने लोगो को ठगने के लिए फर्जी कोरियर कंपनी खोली थी। दोनो ने राजस्थान, मुबंई व मध्यप्रदेश में करीब दो सौ लोगो से तीन करोड़ से अधिक की ठगी की है। लोगो को झांसा देने के लिए उन्होने अकेले जयपुर के वैशाली नगर, महेश नगर व शिप्रापथ इलाके में दफ्तर खोले। नाम व पहचान बदल कर मोबाइल सीम ले ली। फर्जी दस्तावेज से दो बैंक खाते ख्ुालवा लिए। जैसे ही कोई फें्रचाइजी के लालच में आकर रुपए जमा करवाते वे दो दिन बाद ही खाते से रुपए निकाल लेते। पुलिस ने दोनो को कोर्ट में पेश कर रिमाण्ड लिया है अब उनसे पूछताछ कर रही है।
ठगी की रकम से नेता बनने की चाह
पुलिस ने बताया कि बहरोड़ निवासी व हाल में कोठपूतली निवासी जितेन्द्र यादव को राजनीती में आने का चस्का है। वह ठगी के जरिए मोटा पैसा कमा कर किसी पार्टी से टिकट लेने की जुगत में था। बताया जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर उसके कई राजनेताओं से संबंध भी है। आगामी चुनाव में वह चुनाव लड़ने की चाह पाले हुए था।
फर्जी मार्कशीट बनाने में जा चुका जेल
ठगी के इस गिरोह का मास्टर मार्इंड जितेन्द्र यादव ही है। जितेन्द्र वर्ष 2013 में दसवीं व बारवीं की फर्जी मार्कशीट बनाने के मामले में गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने के बाद भी उसने ठगी व जालसाजी को ही अपना धंधा बना लिया। इससे पूर्व मुकेश व जितेन्द्र ने गाड़ियो पर विज्ञापन लगवाने के नाम पर भी कई लोगो से रुपए हड़प लिए थे। इंदौर व मुबंई में भी दोनो इसी तरह की फर्जी कंपनी खोल कर लोगो से रुपए हडप चुके है।