जयपुर
प्रदेश में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनावों के दौरान सासंदों की पर्फोरमेन्स खराब रही उन सांसदों पर टिकट का है, ऐसे में लगभग 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा नए चेहरे उतार सकती है। प्रदेश में 2018 विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवाने और 73 विधायकों पर सिमटने के बाद अब लोकसभा चुनावों में भाजपा ने तैयारिया शुरु कर दी हैं साल 2014 में मोदी लहर के दौरान प्रदेश की तमाम 25 सीटें भाजपा के खाते में गई, लेकिन साल 2018 के दो उपचुनावों में अलवर और अजमेर सीट भाजपा के हाथ से निकल गई जिसके बाद दौसा से भाजपा सीट पर सांसद रहे हरिश मीणा ने कांग्रेस खेमे से विधायक का चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंच गए।
वर्तमान में भाजपा के पास अभी 22 सीटों पर कब्जा है ऐसे में भाजपा लोकसभा चुनावों में आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों का टिकट काट कर नए चेहरों को मैदान में उतार सकती है हाल ही में दीया कुमारी की टिकट विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से काटी गई लेकिन अब दीया कुमारी के लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी हो रही है जानकारी के अनुसार दीया कुमारी को टोंक-सवाई माधौपुर से मैदान में उतारा जा सकता है।
इसके अलावा बाड़मेर से कर्नल सोनाराम,सीकर से सुमेधानंद सरस्वती, करौली-धौलपुर से मनोज राजौरिया, झुंझुनूं से संतोष अहलावत, बांसवाड़ा से मान शंकर निनामा, भरतपुर से बहादुर सिंह कोली, गंगानगर से निहाल चंद मेघवाल, चूरू से राहुल कस्वां, जयपुर से रामचरण बोहरा और राजसंमद से हरिओम सिंह राठौड़ का टिकट कट सकता है।
सांसदों से टिकट कटने या नहीं कटने के मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा कि राजनीति में कोई स्थाई प्रत्याशी नहीं होता है लेकिन परिस्थितियां बदलने से प्रत्याशी बदलने की सम्भावना रहती है, सैनी ने कहा कि भाजपा ने की तैयारिया शुरु कर ली हैं जिसके तहत प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में प्रभारी और सह प्रभारियों की नियुक्तियां कर दी हैं। साथ ही तीन-तीन लोक सभा और एक जगह चार लोकसभा क्षेत्रों को मिलाकर कलस्टर बना दिए हैं।