Jaipur News : राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की शुक्रवार को हुई बैठक में एसएमएस अस्पताल के लाइफलाइन स्टोर में लगी आग का मुद्दा छाया रहा। बैठक में आग के लिए जिम्मेदार फर्मों से नुकसान की वसूली का निर्णय पारित किया गया। इसके साथ ही अस्पताल में 7 नई जांच शुरू करने के साथ ही उनकी दरें भी तय की गई। बैठक में अधिकारियों की व्यस्तता के कारण सभी एजेण्डों पर चर्चा नहीं हो पाई और इसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया। एजेण्डे के अन्य बिंदुओं पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में लाइफलाइन स्टोर में आग से हुए 3.41 करोड रुपए के नुकसान की वसूली का प्रस्ताव रखा गया। इसमें तय किया गया कि वर्ष 2012 के बाद लाइफलाइन में हुए नुकसान के लिए जो फर्म जिम्मेदार है उनसे यह वसूली की जाए। इसके अलावा कैंसर विभाग में लगाई गई लीनियर एस्केलेटर मशीन की कम्पनी में बकाया 1.5 करोड रुपए की वसूली का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इसके लिए कोर्ट केस करने के निर्देश दिए गए। बता दें कि अस्पताल की लाइफ लाइन में लगी आग में 81 लाख की दवाएं राख हो गई थी। लाइफ लाइन में आग लगने के वक्त 1.43 करोड रुपए की दवाइयां थी जिसमें से 81 लाख रुपए की दवाईयां जल गई थी और 62 लाखों रुपए की दवाइयां मौके पर मिली थी। इसमें 55 लाख की दवाइयां प्रशासन ने फर्मों को वापस लौटा दी थी।
बैठक में पारित प्रस्तावों को भी अगली बैठक में पुनर्विचार के लिए रखा गया है। अस्पताल अधीक्षक डी.एस. मीणा ने बताया कि अस्पताल में जांचो की दरें बढाने पर कोई बात नहीं हो पाई वहीं 7 नई जांच शुरू करने के साथ ही उनकी दरें तय करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा विभागों से मिले कुछ प्रस्ताव भी पारित हुए जिसमें नई मशीनों की खरीद के लिए बजट पास किया गया।