Jaipur news : राज्य की नई आबकारी नीति की शनिवार को घोषणा कर दी गई। इसके अनुसार अगले वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों का आंवटन लॉटरी से होगा। हालांकि नीति एक साल के लिए जारी की गई है, लेकिन लॉटरी से आवंटित दुकानों का अगले वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त फीस देकर नवीनीकरण करवाया जा सकेगा।
सरकार ने शराब की दुकानों और समय में कोई बदलाव नहीं किया है। भारत निर्मित विदेशी शराब की दुकानें पहले की तरह 1000 और देशी शराब की दुकानें 6665 ही रहेगी। दुकानें खोलने और बंद करने का समय पहले की तरह सुबह 10 बजे से रात आठ बजे रहेगा। शराब दुकानों के लिए आवेदन शुल्क तीस हजार रुपए निर्धारित किया गया है।
देशी शराब समूह के लिए 10 लाख तक वाले समूह के लिए 25 हजार रुपए और 10 लाख से अधिक के समूह के लिए 30 हजार रुपए आवेदन शुल्क रखा गया है। नई नीति में वार्षिक लाइसेंस फीस में बदलाव किया गया है। जयपुर और जोधपुर के लिए 26 लाख रुपए सालाना बेसिक लाइसेंस फीस और शेष पांच संभाग मुख्यालयों, माउंट आबू और जैसलमेर के लिए 22 लाख रुपए लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है।
आए दिन अधिक दाम वसूलने की शिकायतें मिलने के बाद नीति में साफ कर दिया गया है कि शराब विक्रेताओं को शराब का बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा सभी दुकानों पर पोस मशीन भी रखनी होगी। कीमत को राउंड ऑफ करने की व्यवस्था भी की गई है।
सरकार ने काफी सालों बाद राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) को भी शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि पहले निगम सिर्फ बीयर ही बेचता था। निगम के साथ नए साल से राजस्थान ब्रेवरीज कारपोरेशन और राजस्थान गंगानगर मिल्स भी शराब की दुकान खोलने की अनुमति दे दी गई है। इन दुकानों पर भारत निर्मित विदेशी और आयातित शराब की बिक्री होगी।
नई नीति में जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के सिविल क्लब की लाइसेंस फीस दो लाख रुपए (कोई परिवर्तन नहीं) तो अन्य स्थानों के सिविल क्लब डेढ़ लाख रुपए (कोई परिवर्तन नहीं), जयपुर, जोधपुर और उदयपुर कॉमर्शियल क्लब की लाइसेंस फीस छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख की गई है।
अन्य स्थान के कॉमर्शियल क्लब में एक लाख रुपए बढ़ाते हुए चार से पांच लाख कर गई है। पत्रकार और राज्य कर्मचारियों के क्लब के लिए 50 फीसदी शुल्क तय किया गया है। होटल-बार लाइसेंस फीस नए सिरे से निर्धारित की गई है। फाइव स्टार होटल के लिए 30 लाख रुपए सालाना, 4 स्टार होटल के लिए 22 लाख रुपए, 3 स्टार होटल के लिए 15 लाख रुपए और लग्जरी ट्रेन के लिए 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल्स निर्मित किए जाने वाली हैरिटेज मदिरा पर विशेष फोकस किया जाएगा। राजघरानों से प्राप्त मदिरा रेसिपीज के विभिन्न ब्रांड्स जिसमें केसर कस्तूरी, रॉयल चंद्रहास, जगमोहन, मावालीन, हैरिटेज सौंफ और इलायची ब्रांड शामिल हैं, को प्रमोट किया जाएगा। हाल ही में जयपुर को हैरिटेज सिटी की दर्जा मिलने के कारण उक्त मदिरा का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार किया जाएगा।
गत माह इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने के लिए गठित टास्क फोर्स की आबकारी आयुक्त बीसी मलिक की अध्यक्षता में गठित की गई थी। उक्त टास्क फोर्स की रिपोर्ट की कई अनुशंसाओं को आबकारी नीति में शामिल किया गया है। इसके अनुसार प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर दिया गया है।
आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर राज पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कई प्रावधान निहित किए गए हैं, जिसके तहत विभाग की अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन किया जाएगा यथा देशी मंदिरा के गोदामों पर परमिट, विक्रय के लिए मांंग पत्रों को, स्प्रिट के संचालन के लिए जारी होने वाली परमिट, ब्राण्ड, लेबल पंजीयन की प्रक्रिया, समस्त प्रकार के अनुज्ञापत्रों को समयबद्ध सीमा में ऑनलाइन जारी किया जाएगा। मदिरा दुकानों की लोकेशन की जांच संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक के अलावा जिले में पदस्थापित किसी अन्य निरीक्षक, सहायक आबकारी अधिकारी या स्वयं जिला आबकारी अधिकारी भी कर सकेंगे। मदिरा दुकानों का अनुज्ञापत्र तीन दिवस में जारी किया जाना अनिवार्य होगा।