जहाजपुर में जीवित महिला को मृत बता दो हिस्सेदारों को किया था वंचित, चार आरोपियों का अपराध प्रमाणित

Azad Mohammed nab
5 Min Read

जहाजपुर (आज़ाद नेब) उपखंड क्षेत्र के शक्करगढ़ निवासी स्व. किशन नाथ पुत्र लालू नाथ की पुत्री ममता नाथ जो वर्तमान में मंगोलपुरी नई दिल्ली में अपने पति दिनेश नाथ के साथ रहती है। पीड़ित महिला ममता नाथ द्वारा 11 अगस्त 2017 को भीलवाड़ा के तत्कालीन एसपी प्रदीप मोहन शर्मा से फरियाद लगाई थी कि शक्करगढ़ गांव में उनकी पुश्तैनी खेती की जमीन को हड़पने की नियत से शक्करगढ़ ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच, सचिव, व पटवारी ओर उसकी सौतेली मां रूपा देवी, भाई कैलाश नाथ व राधा नाथ ने षड़यंत्र पूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने की साजिश रची और ममता देवी और उसके भाई को विरासत से खोले नामांतरण में उनका हिस्सा भूमि से वंचित कर दिया।

IMG 20220910 WA0009

तत्कालीन एसपी को दिए गए परिवाद में ममता देवी ने बताया कि उसके पिता किशन नाथ के दो पत्नियां थी। पहली पत्नी रूपा देवी 40 साल पहले उसके पिता को छोड़कर चली गई। जिसके एक पुत्र कैलाश नाथ और पुत्री राधा देवी पैदा हुये थे। रूपा देवी के दूसरा नाता विवाह करने के पश्चात पेशे से ट्रक चालक पीड़िता के पिता किशननाथ शक्करगढ़ से दिल्ली चला गया और वहां शान्ति देवी एक महिला से दूसरी शादी कर ली। जिसके पुत्री ममता और पुत्र हुकूमनाथ पैदा हुए। 

IMG 20220910 WA0012

पुश्तैनी कृषि भूमि हाइवे सड़क में अवाप्त होने के पश्चात मिले मुआवजे की राशि एवं जमीन की बढ़ी हुई कीमतों के लालच में किशननाथ के परिवार वालों में विवाद उत्पन्न हो गया। इसका फायदा लेने के मकसद से तत्कालीन सरपंच ने किशननाथ की मृत्यु 10 मार्च 2008 को होना बताकर कथित फर्जी दस्तावेज उसके परिजनों से मंगाए और उसी के आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार किया ओर वारिस घोषित कर जमीन नाम पर करवा ली। किशन नाथ की पुत्री ममता देवी और पुत्र हुकूमनाथ को विरासत के नामांतरण में भूमि से वंचित कर दिया गया। 

IMG 20220910 WA0011

जबकि ममता देवी के पिता किशननाथ की मृत्यु 24 अप्रैल 2006 को ही दिल्ली में हो गई थी, जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र उप रजिस्ट्रार नगर निगम दिल्ली द्वारा जारी किया हुआ था। ममता देवी की सौतेली मां रूपा देवी जो कई पूर्व नाता विवाह से बूंदी जिले में चली गई और अभी जीवित है। उसका भी 20 मई 1986 को मृत्यु होने का प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत शक्करगढ़ ने 2016 में जारी कर दिया और किशन नाथ की भूमि में वारिस होने का नामांतरण खोलकर रूपादेवी की दो सन्तान कैलाशनाथ व राधा नाम को भी परिवादी ममता देवी ने पुलिस में दर्ज कराए गए। 

 

परिवाद में आरोप लगाया कि तत्कालीन सरपंच गत दो दशक से ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर आसीन था और पंचायत के विकास कार्यों में गंभीर रूप से अनियमिताएं कर करोड़ों की संपत्ति बना ली है तथा मृतक किशननाथ की जमीन भी हाइवे सड़क पर आ जाने से हड़पना चाहता है। इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने परिवाद की 2 सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब करने के निर्देश तत्कालीन शक्करगढ़ थानाधिकारी को दिए थे। पीड़िता के कई बार गुहार लगाने के 19 सितम्बर 2017 को शक्करगढ़ थाने में मामला दर्ज किया था।  

 

शक्करगढ़ पुलिस ने मामले मे अनुसंधान जारी कर जांच रिपोर्ट में एफ आर लगा कर तत्कालीन एसपी को सौंप दी। परिवादी ममता देवी ने जांच रिपोर्ट को सही नहीं मानते हुए एसीजेएम न्यायालय की शरण में जाकर इंसाफ की मांग की। एसीजेएम कोर्ट जहाजपुर ने पुलिस से दोबारा जांच कर तीन माह में रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए। पुलिस द्वारा दोबारा की गई जिसमें में हेराफेरी करने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने का षड़यंत्र रचने पर कैलाश नाथ, सोजी नाथ, रतन नाथ एवं तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी रामपाल सेन का अपराध प्रमाणित माना है। फ़रियाद ममता देवी ने इस मामले में अन्य दोषी आरोपियों के खिलाफ भी माननीय न्यायालय से जांच करने की गुहार लगाई है। जिनमें तत्कालीन सरपंच एवं तीन पटवारी शामिल है।

Share This Article
Follow:
आज़ाद मोहम्मद नेब में दैनिक रिपोर्टर्स के आलावा एडिटर स्मार्ट हलचल, रिपोर्टर HNN news, tv100 ,लाइव टुडे, साधना प्लस, सरेराह, हुक्मनामा समाचार, जयपुर टाइम्स साथ काम करता हू .पत्रकारिता से आमजन की बात प्रशासन तक पंहुचाना मेरा मकसद है . whatsapp 8890400865, 8058220365