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भूमि आवंटन व विशेष मेहरबानी के प्रकरणों की होगी जांच
कैबिनेट सब कमेटी की बैठक
जयपुर
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को वसुंधरा सरकार के आखरी 6 माह के कार्यकाल में भूमि आवंटन और विशेष मेहरबानी के प्रकरणों में भ्रष्टïाचार की बू आ रही है, लिहाजा एक दर्जन से अधिक मामलों की फाइल तलब की है ताकि जांच करवाकर आवंटन निरस्त और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन सचिव शांति धारीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां सचिवालय में आयोजित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में श्री वल्लभ पित्ती गु्रप को अकलेरा झालावाड़ में 224.2 एकड़ भूमि आवंटन सहित अन्य विशेष सुविधाएं देेने का मामला पकड़ा है। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना भी उपस्थित रहे। खास बात ये है कि श्री वल्लभ पित्ती गु्रप क पनी को रिप्स 2014 के नियमानुसार 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्ष के लिए देने का प्रावधान है लेकिन 20 मार्च 2018 को आयोजित कैबिनेट बैठक में 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्ष के लिए देने का निर्णय कर लिया गया।
बावजूद तत्कालीन मु यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य सशक्त समिति की अनुशंषा पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान 7 वर्ष तक देने का निर्णय किया। कैबिनेट सब कमेटी को इस विशेष मेहरबानी पर जांच करवाने के लिए फाइल तलब की। कमेटी का मानना है कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि मंत्रिमण्डल में लिए निर्णय के खिलाफ जाकर क पनी की डिमांड को मानते हुए विशेष मेहरबानी की।
इसी प्रकार आबू में जेबीएस एलॉय एण्ड स्टील प्राइवेट लिमिटेड पर विशेष फायदा दिया गया। आवंटी क पनी ने 9 साल तक पर्यावरण और वाईल्ड लाईफ की स्वीकृति लेने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए बावजूद लेवी ऑफ रिज पशन चार्जेज को माफ कर दिया और दो साल का समय भी दे दिया। कमेटी का मानना है कि आवंटन निरस्त किया जाना था लेकिन नहीं किया गया।
आचार संहिता से एक दिन पहले बड़ी सं या में निर्णय क्यों?
कैबिनेट सब कमेटी के समक्ष ऐसे कई मामले आए है जिसमें विधानसभा चुनाव के लिए 6 अक्टूबर को आचार संहिता लगने से ठीक एक दिन पहले 5 अक्टूबर को कृषि एवं उच्च शिक्षा में निर्णय कर विशेष फायदा पहुंचाया।
मै. शुभम लॉजिस्टिक लि. को प्राईवेट सब ई मार्केट के लिए लाईसेंस दिया गया।
जाचं के दायरे में ये शिक्षा संस्थान
राजस्थान विकास संस्थान मेडिकल कॉलेज
जयनारायण विश्वविद्यालय जोधपुर
श्याम विश्वविद्यालय लालसोट दौसा
भगवंत विश्वविद्यालय में अनियमिता का प्रकरण
कई प्रकरणों में एफआर लगी, जांच के दायरे में
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि कई प्रकरणों में आखिरी छह माह में एफआर लगी है, उनको चेक करवा रहे है, क्या चार्ज थे और इन्वेस्टीगेशन कहा तक हुआ।
आचार संहिता से पहले निर्णय, जांच करवाएंगे: धारीवाल
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि आचार संहिता से एक दिन पहले इतने निर्णय क्यों किए। कई मामलों की फाइल तलब की है ताकि सच्चाई सामने आ सकें।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना ने कहा कि कई प्रकरण सामने आए है जिनकी फाइल मंगवाई है। आगामी बैठक 10 जुलाई को होगी जिसमें पंचायतीराज, परिवहन और गौपालन विभाग की समीक्षा होनी है।
पूर्व मु यमंत्रियों को दी गई सुविधा की समीक्षा होगी, तिवाड़ी ने उठाया था मामला
कैबिनेट सब कमेटी में निर्णय किया गया है कि पूर्व मु यमंत्रियों को दी गई सुविधाओं का रिव्यू किया जाएगा।
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मु यमंत्रियों से जुड़ी सुविधाओं के लिए 6 मार्च 2018 को संशोधन विधेयक लाया गया और 4 अक्टू बर को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया।
चूंकि तत्कालीन मु यमंत्री के धुर विरोधी घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में और बाहर खूब विरोध किया था लेकिन उनकी नहीं चली। अब तिवाड़ी कांग्रेस में है और सरकार चाहती है पूर्व सीएम की सुविधाएं पर रिव्यू हो। पूर्व मु यमंत्रियों को सिविल लाईन्स में बंगला और कैबिनेट मंत्री के समकक्ष सुविधाएं दी जा रही है। एक आरएएस अधिकारी, स्टॉफ में बाबू, चपरासी और विशेष भत्ता देने का प्रावधान है। गौरतलब है कि इसी तरह के यूपी के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी बंगला खाली करने व सुविधाएं वापस लेने के निर्देश दे चुका है।