कांग्रेस में पुराने दिग्गजों की युवा नेताओं से चल रही लडाई 

liyaquat Ali
4 Min Read
photo congress logo

जयपुर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी में अहम पदों को संभाल रहे कई युवा नेताओं ने धड़ाधड़ इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। दरअसल, लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद जवाबदेही तय करने और पार्टी में हर स्तर पर व्यापक बदलाव की बात होने लगी थी। ऐसे में जब राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की औपचारिक घोषणा की तो बेहद करीबी नेताओं ने भी उनके रास्ते पर चलना शुरू कर दिया। टीम राहुल से हो रहे इस्तीफे की एक वजह पुराने दिग्गजों के वापस पार्टी के केंद्र में आने को माना जा रहा है।

बेहद विश्वासपात्र माने जाने वाले

रविवार को उनके बेहद विश्वासपात्र माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा ने भी पार्टी में अपने पदों क्रमश: AICC महासचिव और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले शनिवार को केशव चंद यादव ने भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि AICC की SC सेल के चेयरमैन नितिन राउत ने पहले ही पद छोड़ दिया था। यह लिस्ट अब लंबी होती जा रही है।
गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर इस्तीफे उन नेताओं के हैं

जो टीम राहुल गांधी के सदस्य थे। इनमें एक नाम राजेश लिलोठिया का भी है जो हाल में स्टेट यूनिट चीफ शीला दीक्षित के तहत दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। राहुल के हटने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नया कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाने के बाद सिंधिया, देवड़ा, राउत, यादव, लिलोठिया जैसे उनके करीबियों की भूमिका क्या होती है।

राहुल गांधी के अचानक पद छोड़ने के बाद

पार्टी के भीतर अब इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी के अचानक पद छोड़ने के बाद करीबियों और टीम मेंबर्स का भविष्य अनिश्चित हो गया है। हाल में पद छोड़ने वाले एक युवा कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हममें से कई लोग राहुल गांधी के विजन को आगे रखकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। अब उनके हटने के बाद हम सिद्धांतविहीन महसूस कर रहे हैं। देखते हैं आगे क्या होता है।

राहुल की टीम के सदस्य लगातार पद छोड़ रहे हैं, इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि अब कांग्रेस के केंद्र में वापस बुजुर्ग और पुराने दिग्गज नेता आ गए हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कई बैठकें हुईं जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं जैसे अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, आनंद शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा ही शामिल हुए। इन महत्वपूर्ण बैठकों में राहुल का कोई करीबी युवा नेता नहीं दिखा।
उधर, सोनिया गांधी और राहुल गांधी कह रहे हैं कि वे कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। ऐसे में राहुल के करीबी महसूस कर रहे हैं कि निर्णय लेने का अधिकार केवल प्रभावशाली नेताओं के पास ही होगा।

यहां तक कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी, जिसे इस मामले में अंतिम निर्णय लेना है, उसमें मुख्य रूप से वरिष्ठों का ही दबदबा है। अब तक यह भी साफ नहीं है कि अगला पार्टी प्रेजिडेंट कौन होगा। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के तौर पर किसी युवा को ही चुनने की वकालत की है। यह देखना अभी बाकी है कि पार्टी उनकी सलाह को कितना महत्व देती है।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *