वक्फ जायदाद पर नाजायज कब्जा, दाई हलीमा हास्पिटल का मामला,23 को जयपुर वक्फ बोर्ड पर धरना

Dr. CHETAN THATHERA
3 Min Read

भीलवाड़ा / स्थानीय गुलजी पीर दरगाह से दारुल उलूम के बीच वाले भूभाग पर षड्यंत्र कर दाई हलीमा हॉस्पिटल बनाने और इस वक्फ जायदाद पर नाजायज तरीके से अपना आधिपत्य जमाने का आरोप लगाने वाले और स्वयं को असली वारिसान और मुतावली कहने वाले परिवार के सदस्यों ने वक्फ जायदाद को मुक्त कराने के लिए 23 मई को जयपुर वक्फ बोर्ड के समक्ष धरना देने का ऐलान किया है।

वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान सहित मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर और साले मोहम्मद राज्य मंत्री अल्पसंख्यक विभाग तथा अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष सहित पुलिस अधीक्षक को लिखित ज्ञापन भेज कर इस वक्फ जायदाद को मुक्त कराने की मांग की है।

वक्फ होल्डर रईफुद्दीन, अलाउद्दीन, सरफुद्दीन, मोइनुद्दीन और निजामुद्दीन ने अपने ज्ञापन में बताया कि दरगाह गुलजी पीर के नाम पर कोई भूमि या कृषि भूमि नहीं थी मदारी शाह वल्द पीर बख्श फकीर को मेवाड़ रियासत में खसरा नंबर 995, 996, 997, 998 कुल किता चार रकबा 2 बीघा 7 बिस्वा आराजी सासनिक माफी में दी गई जो पूरी तरह निजी माफी होकर उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए थी ।

इसके एवज में उन्हें किसी तरह की मजहबी या दुनियावी खिदमात नहीं करनी थी मेवाड़ रियासत के कानून के मुताबिक यह माफी सासनिक माफी होकर मेवाड़ स्टेट गवर्नमेंट के नोटिफिकेशन में इंद्राज है, जिसको उन्होंने इंतकाल से पहले 11 जनवरी 1944 को यह जमीन उनके परम सेवक शमसुद्दीन को गिफ्ट कर कब्जा दिया था।

जिस का शासकीय रिकॉर्ड आज भी उपलब्ध है, शमसुद्दीन ने यह जमीन 1980 में भीलवाड़ा शहर के मुसलमानों की मांग पर वास्ते दारुल उलूम गुल अली शाह बाबा के नाम से बनाने की सहमति पर दी जिसके गद्दीनशीन और सरफरस्त उसके परिजन ही रहेंगे मगर शमसुद्दीन के इंतकाल के बाद दारुल उलूम कमेटी ने नाम बदलकर अपना नया हिसाब किताब सुल्तानुल हिंद व रजा दारुल उलूम के नाम से प्रारंभ कर असली वारिसानो को दरकिनार कर दिया ।

वही गुलजी पीर और दारुल उलूम के बीच वाले भूभाग को षडयंत्र पूर्वक अपने कब्जे में लेकर उस पर नाजायज तरीके से दाई हलीमा हॉस्पिटल का कार्य प्रारंभ कर दिया और कुछ लोगों ने मिलीभगत कर इस संपत्ति को बदनीयति से अपने अधिपत्य में रखने के लिए देवस्थान विभाग से एक अवैध ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवा लिया।

जिसमें आप मुसलमानों की सहमति भी नहीं ली गई इसलिए इस भूभाग को मुक्त कराने के लिए मरहूम शमसुद्दीन के परिजनों ने आगामी 23 मई को राजस्थान वक्फ बोर्ड जयपुर के समक्ष 1 दिन का सांकेतिक धरना देने का ऐलान किया है ।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम