होली का पर्व आज-धुलण्डी का पर्व कल धुलंडी के पर्व पर बादशाह की सवारी निकलेगी

liyaquat Ali
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टोंक । फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा सोमवार को होली का पर्व मनाया जाएगा, उसके उपरांत मंगलवार को रंग गुलाल का पर्व धुलण्डी मनाया जाएगा। इस मौके पर धुलंडी अवसर पर परपंरागत तरीके से बादशाह की सवारी भी निकाली जाएगी।

होली के त्यौहार को लेकर बाजार में रंगों और पिचकारियो की दुकाने सज गई, जहां पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगो द्वारा रंग, गुलाल व पिचकारियो की खरीददारी शुरु हो गई है। बाजार में सतरंगी रंग लोगों को आकर्षिक कर रहे है। सोमवार को होलिका दहन के उपरांत होली का पर्व शुरु होगा और धुलंडी खेल जाएगी।

हीरा चौक में कोड़ा मार होली का आयोजन किया जाएगा। होली का पर्व पर लोगों व बालकों में उत्साह भी देखने को मिल रहा हैै। विद्यालय में पढऩे वालो विद्यार्थियों अपने घर व गांव जाने से पूर्व रंग गुलाल के साथ होली का त्यौहार मनाया और होली की शुभकामनाएं दी।

महंत सुरेश दुबे एवं डॉ.पं. पवन सागर ने बताया कि आगामी फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी सोमवार 6 मार्च को सनातन का प्रमुख पर्व होली मनाया जायेगा। फाल्गुन शुक्ला की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित होलिका दहन करना शास्त्रोंक्त बताया है, इस वर्ष 6 मार्च सोमवार को सांय 4.18 बजे पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो अगले दिन मंगलवार को सांय 6.10 बजे तक रहेगी।

अत: प्रदोष काल में पूर्णिमा 6 मार्च सोमवार को होने से होली पर्व एवं होलिका दहन 6 मार्च को ही मनाया जायेगा। इस दिन भद्रा सांय 4.18 से रात्रि प्रभात 5.14 तक रहेगी। शास्त्रानुसार होलिका दहन में भद्रा टाली जाती है, किन्तु भद्रा का समय यदि निशीथ (अर्धरात्रि) के पश्चात चला जाता है तो होलिका दहन भद्रा पुच्छकाल या प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ बताया गया है।

अत: प्रदोष काल में मध्य गोधूली बेला में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त समय सांय 6.20 से 6.40 रहेगा। उन्होने बताया कि 7 मार्च मंगलवार को बसंती उत्सव रंग पर्व धुलण्डी मनाया जायेगा।
नवाबी नगरी टोंक में वर्षो से चल रही धुलंडी के पर्व पर बादशाह की सवारी इस बार भी परंपरागत तरीके से निकाली जाएगी।

ओमप्रकाश पांडे ने बताया कि हरवर्ष की भाँति इस साल भी होली के दूसरे दिन धुलण्डी पर सम्राट की सवारी मय बैंडबाजों के साथ होली के गीत गाते हुए निकलेगी। इस सवारी में 6 से 8 घोडिय़ा व 7से 10 ऊँटगाड़ी व ऊंट पर बैठकर गुलाल व पुष्पवर्षा करते हुए

यह सवारी सुबह 9 बजे अजमेर वालों की कोठी से रवाना होगी जो छिपो का मोहल्ला, जोशियों का मोहल्ला होती हुई मानक चोक से पालुको का मोहल्ला, मिया का चोक ,महावीर चोक से टिक्किवालो के मोहल्ले से निजाम सेठ की हवेली के वहाँ से संघपुरा होते हुए घंटाघर व वहा से सुभाष बाजार ,पांच बत्ती से छोटा तख्ता होती हुई

बड़ा कुँवा से बड़े तख्ते से होती हुई ओमप्रकाश मार्ग से खाटू श्याम मंदिर से नोशे मिया के पुल होती हुई मुख्य बाजार से घंटाघर से संघपुरा, बाबरो का चोक होती हुई अजमेर वालों की कोठी पहुँचेगी।

नवाबी नगरी टोंक में वर्षो से परपरांगत तरीके होली के त्यौहार पर धुलंडी के दिन बादशाह की सवारी गाजेबाजे के साथ निकाली जाती है और इसका अलग ही नजारा देखने को मिलता है।

गौरतलब होगा कि बादशाह की सवारी पुरानी टोंक अजमेर वालों की कोठी के साथ ऊंट व घोड़ो के साथ गाजेबाजे के साथ रवाना होती है और वहां से जुलूस से रुप में पुरानी टोंक क्षेत्र से घंटाघर होते हुए मुख्य बाजार होकर बड़े कुंए क्षेेत्र से होकर वापिस सवारी विसर्जित होती है, जिसको देखने के लिए लोगो में उत्साह नजर आता है और बाजार के चौराहे पर लोग जमा रहते है।

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