Tonk News : यूं तो ख़ाकी का नाम सुनकर ही अच्छों अच्छों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है लेकिन कभी-कभी कुछ ठसा हो जाता है कि किसी अनचाहे मेहमान के आ जाने से ख़ाकी में भी घबराहट हो जाती है । जी हां हम बात कर रहे हैं टोंक जिले के मेहंदवास पुलिस थाने (Mehndwas Police Thane) की जहां आज तड़के चार बजे एक कोब्रा सांप रैंगता हुआ अनुसंधान कक्ष में जा घुसा ।
कोब्रा सांप (Cobra snake) को घुसता देख ड्यूटी पर तैनात संतरी मुनीम गुर्जर ने इस मामले की जानकारी थानाधिकारी सत्यनारायण चौधरी (SHO Satyanarayan Chaudhary)को देते हुए कक्ष के दरवाज़े बंद करते हुए कोब्रा सांप (Cobra snake) को भीतर बंद कर दिया । जब चार घंटे तक भी खिड़की के पीछे छिपा बैठा कोब्रा सांप (Cobra snake)वहां से हिलने को तैयार नहीं हुआ तो थानाधिकारी चौधरी द्वारा इस मामले की जानकारी सर्प संरक्षण कार्य से जुड़े वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवारी (Manoj Tiwari)को दी गई ।
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Tonk News : यूं तो ख़ाकी का नाम सुनकर ही अच्छों अच्छों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है लेकिन कभी-कभी कुछ ठसा हो जाता है कि किसी अनचाहे मेहमान के आ जाने से ख़ाकी में भी घबराहट हो जाती है । जी हां हम बात कर रहे हैं टोंक जिले के मेहंदवास पुलिस थाने (Mehndwas Police Thane) की जहां आज तड़के चार बजे एक कोब्रा सांप रैंगता हुआ अनुसंधान कक्ष में जा घुसा ।कोब्रा सांप (Cobra snake) को घुसता देख ड्यूटी पर तैनात संतरी मुनीम गुर्जर ने इस मामले की जानकारी थानाधिकारी सत्यनारायण चौधरी (SHO Satyanarayan Chaudhary)को देते हुए कक्ष के दरवाज़े बंद करते हुए कोब्रा सांप (Cobra snake) को भीतर बंद कर दिया । जब चार घंटे तक भी खिड़की के पीछे छिपा बैठा कोब्रा सांप (Cobra snake)वहां से हिलने को तैयार नहीं हुआ तो थानाधिकारी चौधरी द्वारा इस मामले की जानकारी सर्प संरक्षण कार्य से जुड़े वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवारी (Manoj Tiwari)को दी गई ।बाद में टोंक से मौके पर पहुंचे मनोज तिवारी ने खिड़की के पीछे छिपकर बैठे कोब्रा सांप (Cobra snake) को अपने स्नैक बैग में क़ैद कर लिया । पकड़े गये कोब्रा सांप को बाद में कच्चा बंधा वन क्षैत्र में सुरक्षित छोड़ दिया गया । पकड़ा गया कोब्रा नाजा नाजा प्रजाति का था जो विश्व की 10सर्वाधिक विषैली सांप की प्रजातियों में से एक है।थानाधिकारी चौधरी ने बताया कि अगर संतरी मुनीम गुर्जर चौकस नहीं होते तो कोब्रा सांप के अनुसंधान कक्ष में घुसने का किसी को पता भी नहीं चल पाता और ठसे में कोई भी पुलिसकर्मी सर्पदंश का शिकार हो सकता था ।