हौम्योपेथी की दवाईयां अदृश्य शक्ति की तरह रोग को जड़मूल से समाप्त करती हैं : प्रदीप कुमार बोरड

liyaquat Ali
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tonk news : आयुक्त कॉलेज शिक्षा राजस्थान प्रदीप बोरड ने कहा कि होम्योपेथी की दवाईयां अदृश्य शक्ति की तरह होती हैं जो दिखती नही और रोग को जड़मूल से मिटाकर स्वस्थ्य एवं निरोगी रखती है।ं उन्होने कहा कि राज्य में हौम्योपेथी में बहुत बडा काम होने जा रहा है। उन्होने लोगो का आव्हान किया कि आमजन ज्यादा से ज्यादा होम्योपेथी की दवाओ को प्रयोग मे लेकर निरोग एवं स्वस्थ रहे ।

आयुक्त कॉलेज शिक्षा राजस्थान प्रदीप कुमार बोरड शनिवार को निवाई स्थिति आदि गौड विप्र समाज धर्मशाला के विशाल प्रांगण में उषा जयपुर, जिला प्रशासन ,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से होम्योपेथी का सार्वजनिकीकरण आमुखीकरण कार्यक्रम में आशा सहयोगिनी,आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम कार्यकर्ताओंं को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे । बोरड ने कहा कि मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होते ही आदमी बीमार पड जाएगा ।

उन्होने कहा कि कोई भी जीव को खाने का समान चाहिए । बेक्ट्रिया वायरस को खाने का सामान है तो आएगा और यदि बेक्ट्रिया वायरस खाने का सामन नही तो वो बीमार हो ही नही हो सकता । उन्होने कहा कि आदमी बीमार तब पडता हैं जब उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसलिए हमें चाहिए कि बीमार पडते ही हमें बीमार होने के कारण का पता चले तो हम उपचार के बाद ठीक हो जाएगें। उन्होने कहा कि राज्य में होम्योपेथी के क्षेत्र में बहुत बडा काम होने वाला है। होम्योपेथी की सीमा हैं, हमें दवा कैसे लेनी हैं,कैसे नही लेनी हैं इस बात का भी ध्यान रखना होगा । होम्योपेथी की दवाइ्र्रयां रोग को जड़मूल से काटती हैं तथा इसके शरीर में साईट इफेक्ट नही है तथा यह कभी भी अवधिपार नही होती ।

बोरड ने कहा कि होम्योपेथी की दवाईया ऐसे काम करती हैं जेसे अदृश्य शक्ति हो । कोई जादू हो । उन्होने कहा कि जिस प्रकार से जिस प्रकार से पौधो में आत्मा हैं पर वो दिखती नही हैं उसी प्रकार होम्योपेथी की दवाओं में भी यही तासीर हैं कि वो काम करती हैं पर दिखती नही है। बोरड ने अदृष्य शक्ति का गंभीरता से समझाया ।  आयुक्त कॉलेज शिक्षा राजस्थान प्रदीप बोरड ने अपने कई संस्मृरण सुनाकर होम्योपेथी से उपचार के बारे में दुर्लभ जानकारियां दी । उन्होने कहा कि हम हमारी सोच को सकारात्मक रखे । कई बार हम सोच के कारण भी बीमार पड जाते है। उन्होने कहा कि गंभीर से गंभीर बीमार का उपचार हौम्योपेथी की दवाओं में है। बाद में बोरड ने प्रांगण में उपस्थित सैकडों महिलाओं से प्रष्न भी किये एवं उनके उत्तर भी दिये तथा अपने अनुभव भी साझा किये । बोरड ने एलोपेथी एवं होम्योपेथी के बारे में उपस्थिति महिलाओं की बीमार एवं उसके निदान के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की ।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक डा. धर्मचंद मीना ने महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हे विभाग से जोडकर उनके लाभ के लिए बनी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी । वही संस्था उषा की डा. श्रृद्धा एवं डा. यादन ने उपस्थित महिलाओ से जानकारी साझा की एवं पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये ।  इस अवसर पर आमजन में होने वाली साधारण बीमार के उपचार के लिए होम्योपेथी का किट भी दिया जिसमें 15 रोगोंं के निदान की दवाईयां थी । अंत में महिला एवं बाल विकास विभाग निवाई की और से आयुक्त कॉलेज शिक्षा राजस्थान सहित अन्य अतिथियों को एलोवेरा के पौधे स्मृति चिन्ह के रूप में दिये । इस अवसर पर बेटी बचाओं,बेटी पढाओं का संदेश भी दिया गया एवं शपथ भी दिलाई गई।

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