टोंक। अखिल भारतीय हरियाणा गौड बाह्मण महासभा के श्रावण शुक्ल पंचमी को समाज के अध्यक्ष विष्णु शर्मा के मुख्य आतिथ्य में शर्मा टेक्नीकल एण्ड मैनेजमेंन्ट इंस्टीटयूट टोंक में हारीत ऋषि की जयन्ती मनाई गई।
महामंत्री चौथमल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में विष्णु शर्मा ने हारित ऋषि के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विष्णु शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोई भी समाज जब तक अपने पुर्वजोु के इतिहास के बारे में नही जानता है, तब तक वह प्रगति नही कर सकता है। हारीत ऋषि हरियाणा गौड बाह्यण समाज के कुल ऋषि है, जिनकी मान्यता अत्यंत प्राचीन धर्मसुत्रधार के रूप में है।
बौधायान धर्मसुत्र, आपस्तम्ब धर्मसुत्र एवं वाशिष्ठ धर्मसूत्रों में हारित ऋषि को बार-बार उद्वत किया गया है। हारित ऋषि के सर्वाधिक उदाहरण आपस्तम्ब धर्मसुत्र में प्राप्त होते है। तन्त्रवार्तिक में हारित ऋषि का उल्लेख गौतम, वशिष्ठ, श्ंाख एवं लिखित के साथ है। परवर्ती धर्मशास्त्रियों ने तो हारित के उदाहरण बार बार दिये है। हारीत संहिता, चिकित्सा प्रधान आयुर्वेद का एक ग्रन्थ है।
इसकी सफल चिकित्सा-विधि वैद्य एंव रूग्ण दोनों के लिए उपयुक्त थी। इसके रचयिता महर्षि हारीत थे। कार्यक्रम को सम्बोधित समाज के वरिष्ठजन जगदीश बैनाम ने विस्तार से हारित ऋषि के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि 1008 हारित ऋषि की जन्मतिथि श्रावण शुक्ल पंचमी को आती है।
उनके पितामह का नाम महर्षि वशिष्ठ, पिता का नाम शक्ति महर्षि, माता का नाम श्रीमति मत्स्यगंधा, कुलदेवी बाणमाता, अवतार अगस्त ऋषि, विशेष- मंत्रदृष्टा, शास्त्रवेदा, ब्रहाज्ञानी, स्मृतिकार, धर्म- वैदिक, कर्म श्रैत्र – सम्पुर्ण भारत, जन्मस्थली – काशी था। कार्यक्रम को कमल शर्मा, गुलाब शर्मा ने भी किया।
इस अवसर पर रामवतार शर्मा, जगदीश शर्मा, रामेश्वर शर्मा, भंवर शर्मा, औम शर्मा, लक्ष्मीनारायण शर्मा, पुष्कर शर्मा, राधेश्याम शर्मा, विष्णु शर्मा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, प्रदीप शर्मा, सोनू शर्मा, विनोद शर्मा, कपिल शर्मा, योगेन्द्र शर्मा सहित समाज बंधु उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर वरिष्ठजन जगदीश बैनाम ने सभी समाज बंधुओं को सामूहिक रूप से श्रीश्री 1008 हारित ऋषि आरती करवाई।
तत्पश्चात सभी समाज बंधुओं ने कुल ऋषि के चरणों में पुष्पाजंली अर्पित कर सभी समाज बंधुओं ने आगामी दिनों में वृक्षारोपण, सहित अन्य कार्यों को समाज व देश हित में करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री चौथमल शर्मा ने किया।