गुर्जर समाज ने प्रशासन को दी चेतावनी, राजाराम गुर्जर के पक्ष में लामबंद हुआ गुर्जर समाज

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करौली/ राजस्थान के करौली में 2 अप्रैल को नव संवत्सर के अवसर पर निकाली जा रही बाइक रैली के दौरान फूटाकोट-हटवाड़ा इलाके में हुए पथराव और चाकूबाजी की वारदात के बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद उपजे तनाव के बाद  जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया था. वहीं, पुलिस की ओर से उपद्रव और शांति-व्यवस्था को भंग करने के आरोप में 37 जनों को नामजद करने के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

जिनमें प्रमुख रूप से मुख्य साजिशकर्ता वार्ड नंबर 35 के निर्दलीय पार्षद मतलूब अहमद सहित जयपुर ग्रेटर मेयर की महापौर सौम्या गुर्जर के पति एवं करौली नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर का नाम  उल्लेख किया गया है. पुलिस उपद्रव फैलाने के मुख्य साजिशकर्ता मतलूब अहमद की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है. वहीं, राजाराम गुर्जर की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस टीमों का गठन किया गया है, लेकिन दोनों ही फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

इधर राजाराम गुर्जर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद मासलपुर इलाके के लोगों में आक्रोश नजर आया है. गुरुवार को हुई बैठक में प्रमुख रूप से गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए, जिन्होंने राजाराम के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है.

बैठक मे शामिल लोगों ने कहा कि राजाराम को राजनीति का शिकार नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने तो सिर्फ करौली में आयोजित बाइक रैली का स्वागत किया था, फिर उनको क्यों फंसाया जा रहा है. बैठक में लोगों ने फैसला किया कि सीबीआई और उच्च जांच के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. साथ ही राजाराम को न्याय नहीं मिला तो अबकि बार पहले से भी भयानक आंदोलन होगा.

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