खुशखबर जयपुर का परकोटा यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल

liyaquat Ali
3 Min Read

जयपुर

पिंकसिटी यानी राजधानी जयपुर का परकोटा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व धरोहर (वल्र्ड हैरिटेज) की सूची में शामिल हो गया। अजरबेजान देश की राजधानी बाकू में यूनेस्को की वल्र्ड हैरिटेज कमेटी के 43 वें अधिवेशन में इस प्रस्ताव को रखा था, जिसे 21 में से 16 देशों के प्रतिनिधियों से समर्थन किया। इसके चलते जयपुर शहर के परकोटे क्षेत्र को विश्व धरोहर माना गया। जयपुर की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर के जरिए बधाई देते हुए खुशी जताई। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जयपुर शहर के परकोटे को यूनेस्को की हैरिटेज सूची में शामिल किए जाने पर बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है। इधर मेयर विष्णु लाटा ने सभी शहरवासियों को बधाई दी।

गौरतलब है कि यूनेस्को दुनिया की ऐसी साइट्ïस को विश्व धरोहर में शामिल करता है, जिनका विशेष सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व होता है। उन्हें पहचान और सुरक्षा प्रदान करने और उनके संरक्षण का कार्य करता है।

जयपुर सहित सात स्थान हुए शामिल

बाकू में समारोह में शनिवार को विश्व धरोहर समिति ने यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सात सांस्कृतिक स्थलों को अंकित किया। इसमें जयपुर शहर का परकोटा क्षेत्र के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, चीन, इंडोनेशिया, जापान और पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ लाओ (लाओस) में स्थित साइटें शामिल हैं।

 

बाकू में आयोजित अधिवेशन में शामिल होने गए नगर निगम आयुक्त विजयपाल सिंह ने बताया कि 21 देशों में से 16 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया। उन्होंने बताया कि ब्राजील की तरफ से भारत का जोरदार समर्थन किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 दिन में भारतीय प्रतिनिधि मण्डल ने सभी देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और अपना प्रजेंट्रेशन प्रस्तुत कर अपने दावे को मजबूत किया।

 

आपको बता दें कि जयपुर की स्थापना 1727 में प्लेन धरातल पर वैदिक स्थापत्य के ग्रिड प्लान तहत की गई। शहर में इस तरह से स्तम्भ श्रेणी हैं, जो बीच में काटती है और इसे वर्ग में विभाजित करती है, जिन्हें चौपड़ कहा जाता है। शहर के बाजार, घर एवं मन्दिर सभी एक रूप में है। खास बात यह भी है कि शहर की वास्तुकला में प्राचीन हिन्दू, मुगल और आधुनिकता का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है। वाणिज्यिक महत्व के लिए बसाए गए इस शहर ने अब तक अपनी कुटीर, स्थानिक और वाणिज्यिक परम्पराओं को संजोये रखा है।

 

जुलाई, 2010 में जयपुर के जंतर-मंतर को यूनेस्को ने वल्र्ड हैरिटेज साइट की सूची में शामिल किया था। तब पर्यटन के क्षेत्र में विश्व मानचित्र पर जयपुर का नाम उभरा था और अब जयपुर के परकोटा विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर एक बार फिर पूरी दुनिया की नजरों में जयपुर का नाम सामने आया है।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *