घर एवं स्वार्थ की लडाईयां लडे, लेकिन आमजन की उपेक्षा की तो बर्दाश्त नही होगा -अजीत सिंह मेहता

liyaquat Ali
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Tonk News । भाजपा के पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता ने सत्तारूढ सरकार पर आमजन की पूरी तरह से उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा नेता अपने घर एवं स्वार्थ की लडाई लडे,लेकिन आमजन की उपेक्षा एवं उनके हितों की अनदेखी की तो भाजपा इसे कतई बर्दाश्त नही करेगी । उन्होने कहा कि सरकार हर क्षेत्र में विफल ही साबित होगई हैं,लगता हैं कि सरकार नाम की कोई चीज ही नही रह गई।


पूर्व विधायक मेहता शुक्रवार को इस संवाददाता से अनौपचारिक बात कर रहे थे । उन्होने कहा कि कानून एवं शांति व्यवस्था चरमरा गई हैं । थानो में बिना अपराध के बैठाकर मारपीट कर मार रही है। जिसका बाडमेर जीता जागता उदाहरण हैं। अपराध सिर चढ के बोल रहा हैं। नागौर की घटना,पाली आदि कई घटनाओं ने जिनमें दलित उत्पीड़न की घटनाओं ने राजस्थान को कलंकित कर दिया है। अपराधों का ग्राफ पहले मुकाबले तेजी बढ रहा हैं।

लेकिन सरकार की कुंभकर्णी नींद टूटने का नाम ही नही ले रही है। उन्होने कहा कि राज्य की सत्तारूढ सरकार ने अपनी विफलताओं की और से ध्यान हटाने के लिए एवं सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए नौकरियां खोलकर बेरोजगार युवाओं से धन बटोरकर खजाना भर रही हैं। मेहता ने कहा कि बेराजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा कर बरगला वोट तो ले लिये लेकिन आज तक उन्हे रोजगार नही दे सके ।


उन्होने कहा कि वसुंधरा राजे के शासनकाल मे जब सत्तारूढ दल के नेता बेरोजगार युवाओं के धरने में जा जाकर उन्हे सत्ता में आने के बाद रोजगार देने के वायदा कर आए थे अब वो वायदे भूल गये हैं । अब सत्ता में हैं तो उन्हे रोजगार दे । उप मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री की नही सुनता ,विधायकों की मंत्री नही सुनते, एमएलए की अधिकारी नही सुनते ऐसे में राज को ही पौपा बाई का रावला बना दिया है। ऐसे में आमजन के हितों की बात आखिर कौन सुनेगा । जिसका जीता जागता नमूना वर्तमान विधानसभा सत्र देखा जा सकता हैं। जहां एक विधायक ने अनिवार्य रूप से नेतागिरी से सदन में रिटायर्मेंट मांगा है।


मेहता ने सरकार के गुडगवर्नेस की बात तो करती हैं पर दिखाती नही। उन्होने बताया कि अभी बीते दिनों निवाई एसडीएम को रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार ब्यूरो द्वारा कार्यवाही की गई। जिसकी एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होना क्या दर्शाता है। खनन के मामले में स्वयं मुख्यमंत्री ने विधानसभा सदन में दुःखी होना बताया। लेकिन दुःखी होने से क्या फायदा इच्छा शक्ति हो तो अवैध खनन पर कठोरता से रोकथाम के बंदोबस्त कर पारदर्शी शासन एवं गुडगवर्नेंस का परिचय देते।


उन्होने कहा कि क्षेत्र में बेमौसम बरसता से किसानों की लाखों रूपये की फसले बरबाद हो गई हैं लेकिन अभी तक गश्त गिरदावरी के आदेश नही दिये गये है। उन्होने सरकार को चेताया हैं कि क्षेत्र के अन्नदाताओं की नही सुनी गई तो इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। मेहता ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री प्रतिस्पर्धा की लडाई लड रहे है जिसके चलते आमजनों के हितों की अनदेखी हो रही हैं। विधायक द्वारा क्षेत्र की उपेक्षा के चलते क्षेत्र की सडके खस्ताहाल है,चिकित्सा के क्षेत्र के पुरसाने हाल जानने को तैयार ही नही हैं।

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