मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बाबा रामदेव मंदिर व भारत-पाक सीमा पर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ तनोट मातेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश में सुख-शांति व खुशहाली की कामना की। उन्होंने तनोट मातेश्वरी मंदिर में आरती में भी हिस्सा लिया। रामदेव बाबा के दर्शनों के बाद मुख्यमंत्री हेलिकॉप्टर से भारत-पाक सीमा पर स्थित तनोट मातेश्वरी मंदिर पहुंचे। वहां पर सेक्टर नॉर्थ के डी.आई.जी मुकेश सिंह, 139 बी.एस.एफ के कमांडेन्ट डी.एस. अहलावत सहित अन्य अधिकारियों ने उनकी अगुवानी की।
उन्होंने तनोट प्रवास के दौरान बड़ी संख्या में लोगों से बातचीत की और अभाव अभियोग व समस्याएं सुनी। उसके बाद उन्होंने तनोट मातेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने सायंकालीन तनोट मातेश्वरी की आरती में हिस्सा लिया। रात्रि विश्राम तनोट में करेंगे। तनोट विजिट के दौरान मुख्यमंत्री बी.एस.एफ के अधिकारियों व जवानों से मिले व उनकी हौसला अफजाई की। मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।
गहलोत को बाबा श्रीरामदेव मंदिर समिति के गादीपति भौंमसिंह तंवर एवं पूजारी कमल छंगाणी ने विधि विधान से पूजा-अर्चना करवाई। बाबा रामदेव जी की पवित्र झारी का जल आचमन करवाया एवं प्रसाद दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री मंदिर परिसर में बाबा रामदेव की कचहरी में गए, वहां साफा पहनाकर एवं बाबा की तस्वीर भेंट कर उनका अभिनन्दन किया गया। मुख्यमंत्री ने बाबा रामदेव की अनन्य भक्त डालीबाई की समाधि के भी दर्शन किए। इस दौरान राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी,केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद, विधायक रूपाराम मेघवाल व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, पुलिस प्रशासनिक अधिकारी व अन्य लोग मौजूद थे।