अब जबरदस्ती खाली करवाए जाएंगे पूर्व मंत्रियों के बंगले

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जयपुर

प्रदेश में अब पूर्व मंत्रियों के दो माह में सरकारी बंगला खाली नहीं करने पर दस हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं तय समय पर जुर्माना जमा नहीं करवाने पर प्राधिकृत अधिकारी जबरदस्ती सरकारी बंगला खाली करवा सकेंगे। इसके लिए राज्य विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान मंत्री वेतन  (संशोधन) विधेयक 2019 पारित किया गया।

विधेयक का प्रतिपक्षी सदस्यों ने विरोध करते हुए इसके पीछे सरकार का छुपा हुआ एजेण्डा बताया वहीं इस पर चर्चा के दौरान निर्दलीय सदस्य संयम लोढा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को पद से हटने के बाद भी आजीवन केबिनेट मंत्री के समान सुविधाएं देने का मामला उठा दिया।   इसको लेकर भाजपा सदस्यों ने हंगामा कर दिया तथा नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए।

इस दौरान नारेबाजी और हंगामे के बीच ही यह विधेयक पारित करवा दिया गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान निर्दलीय संयम लोढा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन केबिनेट मंत्री के बराबर सुविधा का कानून बदलना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर इस काले कानून को पारित करवाने का आरोप लगाया और क हा कि  पिछली सरकार ने जो कानून पारित कराया है उससे सरकार पर हर माह एक करोड रूपए का भार आएगा, जिसकी कोई जरूरत नहीं है।

इस पर भाजपा सदस्यों ने सदन में हंगामा कर दिया तो सभापति राजेन्द्र पारीक ने लोढा को बैठने के निर्देश दिए लेकिन लोढा बिना रुके बोलते ही रहे। इस पर भाजपा सदस्य वैल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी तो सभापति राजेन्द्र पारीक ने संसदीय कार्यमंत्री को विधेयक पारित करवाने के निर्देश दिए।

इस विधेयक पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को राजी करने के लिए कहा दिया है कि वे जल्द ही मंत्री बनने वाले है। ऐसे में सबको बडे बंगले मिल जाएंगे। इस विधेयक के पीछे सरकार का छिपा हुए एजेण्डा है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कईं बार पारिवारिक परिस्थितियों के कारण निर्धारित समय में आवास खाली कर पाना सम्भव नहीं होता। ऐसे में इतना जुर्माना लगाया जाना सही नहीं है।

यह कानून कभी न कभी हमारे लिए ही मुश्किल बनेगा। आवास खाली करने की जो अवधि तय की गई है उस पर दुबारा विचार करना चाहिए। भाजपा सदस्य वासुदेव देवनानी, किरण माहेश्वरी ओर रामलाल शर्मा ने कहा कि यह कानून पूर्व मंत्रियों को आरोपित करने की कोशिश है। इससे यह संदेश जाएगा कि मंत्री पद से हटने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं करते।

विधेयक पर बोलते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और मंत्री का दर्जा प्राप्त सभी लोगों के लिए यह विधेयक है। प्रदेश में अब तक मंत्री पद से हटने के बाद नियत अवधि में सरकारी आवास खाली नहीं करने पर पांच हजार रूपए प्रतिदिन जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान था जिसे अब बढा कर दस हजार रूपए प्रतिदिन कर दिया। धारीवाल ने कहा कि पूर्व मंत्रियों के समय पर आवास खाली नहीं करने के कारण नए मंत्रियों को आवास नहीं मिल पाते, इसलिए ऐसा कानून लाया गया है।

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