कांग्रेस सदस्यता अभियान पर लगा फाइनल ब्रेक, 29 लाख सदस्य बनाकर बचाई लाज -डिजिटल मेंबरशिप का आंकड़ा 15 लाख और ऑफलाइन मेंबर का आंकड़ा 14 लाख के पार पहुंचा

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। संगठन चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस में बीते साल नवंबर माह में शुरू हुई डिजिटल और ऑफलाइन मेंबरशिप अभियान की अंतिम तारीख 15 अप्रैल बीतने के बाद अब अभियान पर ब्रेक लग गया है। 15 अप्रैल तक डिजिटल मेंबरशिप अभियान में कांग्रेस ने 15 लाख का आंकड़ा पार किया है तो ऑफलाइन मेंबरशिप अभियान में 14 लाख का आंकड़ा पार कर के कुल 29 लाख सदस्य बनाकर अपनी लाज बचाने का काम किया है।

हालांकि पार्टी को जो 50 लाख का टारगेट मिला हुआ था उससे 21 लाख सदस्य कम बन पाए हैं। हालांकि अभियान की शुरुआती सुस्त साल के बाद पिछले 15 दिन में प्रदेश कांग्रेस ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन मेंबरशिप अभियान में जोर-शोर से सदस्य बनाए थे तब जाकर आंकड़ा 29 लाख के पार पहुंचा है और प्रदेश कांग्रेस की लाज बच पाई। 29 लाख सदस्य बनाए जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने भी राहत की सांस ली है।

31 मार्च तक 2 लाख सदस्य ही बन पाए

दरअसल 31 मार्च पहले अभियान के अंतिम तिथि थी लेकिन अभियान की अंतिम तिथि तक डिजिटल मेंबरशिप अभियान के जरिए केवल 2 लाख सदस्य ही बन पाए थे। इसके बाद आनन-फानन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने 15 दिन का समय बढ़ाते हुए अभियान को 15 अप्रैल तक कर दिया था और उसके बाद कांग्रेस विधायकों और पार्टी नेताओं ने जोर-शोर से अभियान में भागीदारी की और डिजिटल मेंबरशिप का आंकड़ा 15 अप्रैल तक 15 लाख के पार पहुंच गया।

पिछली बार बने थे 35 लाख सदस्य

इससे पहले तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के समय राजस्थान कांग्रेस ने 35 लाख सदस्य बनाए गए थे। हालांकि इस बार पिछली बार से चार लाख का आंकड़ा कम है लेकिन 29 लाख सदस्य बनने के बाद कहीं न कहीं प्रदेश नेतृत्व भी राहत की सांस ले रहे हैं।

कांग्रेस के पांच विधायक रहे टॉप पर

वहीं कांग्रेस सदस्यता अभियान में प्रदेश कांग्रेस के पांच विधायक ही टॉप पर रहे हैं। इनमें दो कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा सदस्य बनाने वाले मंत्री टीकाराम जूली सबसे आगे हैं। टीकाराम जूली ने अपने विधानसभा क्षेत्र अलवर ग्रामीण में 39554 सदस्य बनाए हैं। उसके बाद मंत्री ममता भूपेश 35064, विधायक दिव्या मदेरणा 33920, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा 32947 और विधायक सुरेश मोदी 30283 हैं।

निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक रहे फिसड्डी

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस मेंबरशिप अभियान में सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक ऑनलाइन और ऑफलाइन मेंबरशिप अभियान में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए हैं। इनमें केवल बस्सी से लक्ष्मण मीणा और दूदू से बाबूलाल नागर ही मेंबरशिप अभियान करवाने में सफल रहे हैं। लक्ष्मण मीणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र बस्सी में 41263 और बाबूलाल नागर ने दूदू में 16783 सदस्य बनाए हैं।

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों का प्रदर्शन

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की बात करें तो करौली से लाखन मीणा 735, नगर से वाजिब अली 237, उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा130, नदबई से जोगिंदर अवाना 1143 और तिजारा से संदीप यादव 1475 सदस्य बना पाए। केवल किशनगढ़बास से दीपचंद खेरिया 9922 सदस्य बना पाए हैं।

निर्दलीय विधायकों का प्रदर्शन

कांग्रेस के मेंबरशिप अभियान में जिन निर्दलीय विधायकों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है उनमें बहरोड से बलजीत यादव 101, खुशवीर सिंह जोजावर 226, रमिला खड़िया 252, रामकेश मीणा 358, संयम लोढ़ा 717, कांति मीणा 950, महादेव खंडेला 938, सुरेश टांक 509 और आलोक बेनीवाल 1321 है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/