फेसबुक के माध्यम से ठग लोगो को ठगने के लिए नये नये रास्ते निकाल रहे है

liyaquat Ali
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निवाई 
(विनोद सांखला)
नए संचार माध्यम आने के बाद ओर डिजिटलीकरण होने के बाद ठगी करने के तरीके भी बदल गए हैं। गुरुवार को निवाई के फाइनेंसर मुकेश डोई व देवधाम जोधपुरिया मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरज्ञान सिंह खाटरा एवं शनिवार को  मोरन सरपंच मीठालाल गुर्जर का अज्ञात लोगो द्वारा फेसबुक अकाउंट हैक कर उसके परिचितों से रुपए ऐंठने का प्रयास किया, मगर परिचितों ने बुद्धि का परिचय देते हुए राशि देने से पहले फोन कर लिया। जिसके बाद हैक करने वाले की पोल खुल गई।
मित्रपुरा कस्बे के नजदीकी मोरन पंचायत के बोरखेड़ा गांव निवासी सरपंच मीठालाल गुर्जर के फेसबुक खाते से कई लोगो के पास पैसे मांगने के संदेश आ रहे थे । ऐसे ही शाम करीब 4 बजे निवाई पत्रकार विनोद सांखला की फेसबुक पर भी पैसे डलवाने को लेकर संदेश आया कहि बहार होने की वजह  पैसे कम पड़ने की बात कही । ओर एक बैंक खाते में 5 हजार डलवाने के लिए बोला गया । लेकिन मामला संदिग्ध लगने पर अध्यक्ष सुरज्ञान खाटरा व मुकेश डोई को कॉल करके जानकारी ली । खाटरा व डोई ने ऐसे संदेश भेजने से साफ इंकार किया और कहा कि मेरे फेसबुक एकाउंट को कोई दूसरा हैक करके काम मे ले रहा है । इस मामले को लेकर मेने निवाई थाना में परिवाद पेश भी कर दिया , सायबर क्राइम द्वारा जांच की जा रही हैं ।
फाइनेंसर मुकेश डोई गुर्जर ने बताया की एक अज्ञात व्यक्ति ने मेरी फेसबुक आईडी को हैक कर मेरे परिचितों के फेसबुक पर मैसेज भेजकर पेटीएम ओर बैंक खाते के जरिए रुपए मांगे। परिचितों ने मुझे कई फोन किये और जानकारी ली और पैसे मांगने के लिए पूछा । मैंने फोन पर कहा कि मैने तो कोई राशि मांग नहीं है। आप ऐसी बात क्यों कर रहे हैं। तब परिचितों ने बताया कि आपकी फेसबुक आईडी पर पेटीएम ओर बैंक खाते में राशि जमा कराने की बात कहीं गई है। परिचितों ने हैक आईडी से भेजे गए संदेश का स्क्रीन शाॅट लेकर निवाई उपखंड का गांव गंगापुरा निवासी फाइनेंसर मुकेश डोई के व बोली उपखंड का बोरखेड़ा निवासी मोरण सरपंच मीठालाल गुर्जर के व्हाट्सअप पर भेजा जिसमें दोस्त के दुर्घटना होने पर उसके उपचार के लिए व कहि बहार होने की वजह से पांच हजार रुपए देने का उल्लेख था। जिसके बाद उन्होंने अपने परिचितों को फोन कर राशि न डालने के लिए बोला ।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना 
इससे पहले भी फेसबुक हैक कर रुपए मांगने की कई घटनाऐ घटित हो चुकी है, लेकिन कई बार परिचित अपनी समझदारी का परिचय देकर ठगी करने वाले के मंसूबो पर पानी फेर देते है और कई परिचित जल्दबाजी में फंसे होने के कारण जल्दी पैसे डाल देते है । जिसके कारण ठगी का शिकार हो जाते है
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