चेहरा डिटेक्टर व आंखे ट्रेकर से पता चलेगी मन की बात, राजस्थान में  बनेगी ऐसी देश की पहली प्रयोगशाला 

  1. जयपुर/ इंसान की आंखें टेकर कर और चेहरा डिटेकटर करके यह पता है लगाया जाएगा कि सरकार की योजना कौन सी सफल होगी ? और कौन सी फेल ? जनमानस क्या चाहता है ? ऐसी देश की पहली प्रयोगशाला राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थापित होगी ।

इस प्रयोगशाला के स्थापित होने की कवायद शुरू हो चुकी है और संभवतया अप्रैल माह तक यह पूरी होकर अपना कार्य शुरू कर सकती है ? और यह प्रयोगशाला राजस्थान की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नीत सरकार स्थापित कर रही है ।

आईआईएम उदयपुर राजस्थान सरकार के सहयोग से एक एक्सपेरिमेंटल लैब अर्थात अनुसंधान प्रयोगशाला करीब डेढ़ करोड़ की लागत से देश की पहली प्रयोगशाला राजधानी जयपुर में स्थापित करने जा रहा है।

इस प्रयोगशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों की सोच का पता लगाकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लाना है और इस प्रयोगशाला में विशेषज्ञ मानव मस्तिक और शारीरिक क्रिया विज्ञान से संबंधित विशेषज्ञ अध्ययन करेंगे। 

सूत्रों के अनुसार किस संबंध में सरकार के मुखिया चीफ सेक्रेट्री उषा शर्मा की देखरेख में इस प्रयोगशाला योजना को स्वीकृति दी जाकर स्थापित करने की कवायद शुरू हो चुकी है और इसके लिए एचसीएम रीपा मैं करीब 4000 वर्ग फीट का भवन भी निर्धारित किया जा चुका है।

सूत्रों के अनुसार इस प्रयोगशाला की सहायता से पहले ही पता चल जाएगा कि किस योजना को किस प्रारूप में लागू करें सरकार और जनता क्या चाहती है ? क्या सोचती है ? तथा कितनी और कौन सी सुविधाएं फ्री में चाहती हैं ?

इसके साथ ही योजना लागू होने के बाद होने वाली गड़बड़ियों को भी वास्तविक फीडबैक पकड़ा जा सकता है और इस प्रयोगशाला के जरिए पहले से चल रही योजनाओं और लोगों के असली मानस तथा सोच का पता किया जा सकेगा।

आई आई एम प्रयोगशाला का संचालन जोधपुर और आईआईटी जोधपुर के साथ मिलकर किया जाएगा तथा चुनिंदा लोगों से इन तीनों संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम योजनाओं को लागू करने से पहले चर्चा करेगी।

इस प्रयोगशाला में व्यक्ति की भाव भंगिमा ब्लड प्रेशर आंखों की पुतलियों मस्ती की क्रिया सहित शरीर की हर हलचल को एस एम आर आई चेहरा डिजिटल ट्रैकर आंखें कैप्चर जैसे उपकरणों से डिटेक्ट किया जाएगा जिसका पता उस व्यक्ति को भी नहीं चलेगा और उसकी सारी चीज पढ़ ली जाएगी ।