टोंक
राष्ट्रीय विकलांग मंच शाखा टोंक द्वारा गांधी पार्क में बैठक के बाद रैली के रुप में प्रदर्शन करते हुए अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां कलेक्ट्रेट कार्यालय की सीढिय़ों पर चढऩे में असमर्थ दिव्यांगों ने जिला कलेक्टर को सीढिय़ों पर आकर ज्ञापन लेने का आग्रह किया,
जिस पर जिला कलेक्टर के अपने कक्ष से बाहर नही आने से आक्रोशित दिव्यांगजन बारिश के बावजूद भी साढ़े 5 घंटे तक जिला कलेक्टर कार्यालय के प्रांगण में धरने पर बैठे रहे।
दिव्यांगजनों की 21 सूत्रीय मांगे
राजस्थान विकलांग मंच के जिलाध्यक्ष गोर्वधन लाल जाट ने बताया कि दिव्यांगजनों की 21 सूत्रीय मांगे जिनमें पेंशन में बढ़ोतरी, दिव्यांग आंदोलन 2016 में दर्ज मुकदमें वापस लेने, दिव्यांगों का आरक्षण बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर स्थित गांधी पार्क से रैली के रूप में ज्ञापन देने हेतु जिला कलेक्टर कार्यालय आये थे,
कलेक्ट्रेट कार्यालय की सीढिय़ों पर विकलांगता के कारण चढऩे से असमर्थ
जहां कलेक्ट्रेट कार्यालय की सीढिय़ों पर विकलांगता के कारण चढऩे से असमर्थ होने के कारण जिला कलेक्टर को सीढिय़ों पर आकर मांग पत्र लेने का आग्रह किया गया था, लेकिन जिला कलेक्टर ने दिव्यांगजनों का ज्ञापन बाहर आकर लेने से मना कर दिया। इस कारण दिव्यांगजनों के स्वाभिमान को चोट लगने के कारण आक्रोशित दिव्यांगजन भारी बारिश में भीगते हुए कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गये।
जिला कलेक्टर के ज्ञापन नही लेने के आने के चलते करीब साढ़े 5 घंटे तक वह कलेक्ट्रेट प्रांगण में बैठे रहे और इस बीच बारिश भी आई तो वह वहां बैठे रहे। संघ के जिलाध्यक्ष गोवर्धन जाट ने बताया कि पुलिस अधिकारी ने अवगत कराया कि कलेक्टर साहब ज्ञापन लेने नीचे नही आएं और शाम को 6 बजे नीचे आएंगे।
जिस पर दिव्यांग साथियों ने 6 बजे तक बैठने रहने की बात कही, जिसके चलते सभी दिव्यांग जिला कलेक्टर को ही अपनी मांगो का ज्ञापन कलेक्ट्रेट प्रांगण में देने पर अड़े रहे।
इस मौके पर जिला महासचिव राजेश दाधीच, जिला उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर, दामोदर जाट, जितेन्द्र जेन, आबिद अली, विमला देवी नायक, कन्हैयालाल नायक, इस्लाईल अली, कविता सैनी, गीता कुमावत, मुकेश नायक, कवि करूणानिधि पारीक, रूपकला गुर्जर, शिव कुमार शर्मा आदि दिव्यांगजन मौजूद रहे।