राजस्थान के बजट में कर्मचारियों को लग सकता बड़ा झटका ओपीएस होगी खत्म !,बेरोजगार भत्ता होगा बंद 

Dr. CHETAN THATHERA
6 Min Read

जयपुर। राजस्थान में पहले की कांग्रेस नीत गहलोत सरकार ने राजनीतिक फायदा और विधानसभा चुनाव को देखकर लिए गए मास्टर स्ट्रोक के रूप में कुछ निर्णय लिए थे जिनको अब प्रदेश की भाजपा सरकार बदलने की कवायत शुरू कर दी है इनमें तीन मास्टर स्टॉक सबसे महत्वपूर्ण है जिनको भाजपा सरकार आगामी बजट में बदल सकती है और इसका सबसे बड़ा झटका प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को लगने वाला है।

राजस्थान में मार्च 2022 में अशोक गहलोत नीत कांग्रेस सरकार ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए मास्टर स्टॉक खेलते हुए बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस OPS) लघु खेती इस योजना के तहत 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी सेवा में अधिकारों कर्मचारियों को भी पहले की तरह पेंशन लाभ मिलना था जबकि नई पेंशन स्कीम एनपीएस (NPS) मैं ज्योति के बाद प्रतिमा पेंशन राशि मिलने का प्रावधान नहीं है इसमें केवल एक मुश्त राशि ही सेवानिवृत्ति पर मिलती है ।

राजस्थान में ऑप्स लागू होने पर सरकारी कर्मचारियों ने गहलोत सरकार और मुख्यमंत्री गहलोत का आभारी नहीं बताया बल्कि पूरे प्रदेश में इस निर्णय को लेकर जश्न भी मनाया गया राजस्थान में ओपीएस लागू होने के बाद इस योजना को छत्तीसगढ़ झारखंड पंजाब दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने भी लागू किया था लेकिन देश में जिसकी प्रदेश में भाजपा की सरकार थी उसने पुरानी पेंशन योजना को लागू नहीं किया था और पूरे देश में इस पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग जबरदस्त तरीके से उठने लगी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना का लागू करने को लेकर लामबंद हुए ।

जबकि भाजपा इस पुरानी पेंशन योजना के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है और वर्तमान में देश में करीब 17 राज्य में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोग गठबंधन की सरकार हैं और केंद्र में भी लगातार तीसरी बार भाजपा गठबंधन ने सरकार बनाई है ऐसे में भाजपा के लिए पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस) गले की हड्डी बनी हुई है।

अगर इसे वह राजस्थान में यथावत रखती है तो भाजपा को अन्य राज्यों में भी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करनी पड़ेगी ऐसे में भाजपा का मानना है कि वह इस गले की हड्डी को खत्म करने और सत्य राज्यों में से लागू करने के बजाय राजस्थान में ही इस योजना को वापस बंद कर दिया जाए और

इसके बाद पांच राज्य भी इस श्रेणी में आ जाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार अगले महा होने वाले प्रदेश के बजट में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर सकती है ? जिसकी संभावना है भी अधिक नजर आ रही है।

इसके अलावा गहलोत सरकार ने मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से ही प्रदेश में बुजुर्गों विद्वान एकल महिलाओं को प्रतिमा 750 रुपए से लेकर 1500 रुपए आयु के अनुसार पेंशन दिए जाने का फैसला किया था और इसके अलावा बेरोजगारों को 3000 से 4500 रुपए प्रति महीना मासिक भत्ता भी देने का निर्णय लिया था ।

इस और इसे लागू भी किया था । लेकिन इस निर्णय और योजना में बड़े स्तर पर वित्तीय एनीमिटता है और गड़बड़ियों सामने आई जिन प्रमुख रूप से हजारों की संख्या में एक ही व्यक्ति को दोहरी अर्थात डबल पेंशन मिलने पत्र नहीं होते हुए भी पेंशन मिलने गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर पेंशन जारी करने जैसे मामले सामने आए थे ।

इससे सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि भी हुई भाजपा सरकार यह सब सामने आने के बाद इस बजट में रोजगारों को भत्ता देने की योजना को बंद कर इसके स्थान पर कोई नई नीति लाने की कवायत कर रही है और इसके बजट में लागू होने की भी संभावना अधिक है।

पिछली कांग्रेस सरकार ने आने-फानन में राजस्थान में 100 से अधिक उपखंड मुख्यालयों पर जहां पर नहीं भवन की व्यवस्था होने के उपरांत भी 133 नए कॉलेज खोल दिए जो किसी सरकारी भवन या स्कूल में संचालित हो रहे हैं और जिनकी वहां जरूरत भी नहीं है इनके अलावा पत्रकारिता कृषि और विधि के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय खोले थे आश्चर्य की बात है कि इन विश्वविद्यालयों और कॉलेज में विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या का आंकड़ा भी जो मापदंड है कहीं दूर-दूर तक नहीं है ।

इनमें विद्यार्थियों की संख्या 100 से लेकर 1000 तक का आंकड़ा भी पूरा नहीं कर पा रही है ऐसे में इन विश्वविद्यालय और कॉलेज को आर्थिक प्रशासनिक दृष्टिकोण से संचालित करना असंभव है यही नहीं इससे क्षेत्र के गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है अब भाजपा सरकार जुलाई माह में पास होने वाले बजट में कांग्रेस सरकार में खोले गए यह विश्वविद्यालय और कॉलेज को अन्य विश्वविद्यालय और कॉलेज में समाहित करने का निर्णय ले सकती है जिसकी संभावनाएं अधिक है।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम