एक शाम बेटियों के नाम-हमारी बेटियाँ, हमारा गौरव थीम पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा

liyaquat Ali
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Tonk News । जिला प्रशासन एवं महिला अधिकारिता विभाग की ओर से जिला सूचना केन्द्र के सामने प्रांगण में आयोजित किए जा रहे जिला स्तरीय अमृता हाट बाजार में शनिवार रात को एक शाम बेटियों के नाम-हमारी बेटियाँ, हमारा गौरव थीम पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से वर्षो बाद गंगा-जमनी तहजीब की नगरी में एक साथ आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे में कवियों व शायरों ने खूब रंग जमाया और श्रोताओं ने भी वाह-वाही के बीच राम-रहीम की संस्कृति को परवान चढ़ाया।

कवि सम्मेलन व मुशायरे का आगाज कवियत्री मीनू शर्मा कोटा ने माँ सरस्वती की वंदना से और अन्तर्राष्ट्रीय शायर डा.जिया टोंकी ने नातेपाक  से किया। कार्यक्रम में शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय कवि प्रदीप पंवार ने कवि सम्मेलन व मुशायरे कर रंग जमाते हुए ‘ न जाने कितनी परियों ने  खुदा को अर्जियां दी है, तब जाकर ही ईश्वर ने, हमें ये बेटियाँ दी है…’ हुए किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में कार्यवाहक जिला कलेक्टर नवनीत कुमार, विशिष्ठ अतिथि कांग्रेस जिला महासचिव व पार्षद सुनील बंसल, जिला टेनिस बॉल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष व युवा कांग्रेस नेता हंसराज चौधरी गाता का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

इसके बाद कोटा से आए राजस्थान गीतकार मुरलीधर गौड़ ने ‘माँड बेटी माँड, माँड आड़ी लकीर, माँड खड़ी लकीर, दांया हाथ को चुल्हो री बांया हाथ को चूल्हो, पढ़ लिख बेटी म्हारी, राज करेगी, कारां मोटरां मं बैठी बैठी फिरेगी…’ सुनाकर श्रोताओं से तालियां बंटोरी। मुुशायरे की शुरुआत में मुरादाबाद पीतल नगरी से आई जीनत मुरादबादी ने ‘प्यार के दीप जल रहे होंगे, ख्वाब करवट बदल रहे होंगे, तू भी तैयार होके चले जीनत, वो भी घर से निकल रहे होंगे…’ सुनाकर श्रोताओं की वाह-वाही लूटी। कवि सम्मेलन में रीवा मध्यप्रदेश से आएं हास्यं कवि असीम शुक्ला ने ‘सत्ता के नशे में हम कितने चूर हो गए, बड़े पद पाने के लिए कितने मजबूर हो गए, नाम शोहरत दौलत इन तीनो के पीछे इतने भागे, कि दोस्त यारों को छोड़ो, हम अपने माता-पिता से ही दूर हो गए…’ सुनाते हुए श्रोताओं को कई व्यग्ंय सुनाएं।

जोधपुर से आए कवि दिनेश सिंदल ने ‘बेटी को चाहिए यहां आखर की रोशनी, तब ही बनेगी बेटियां इस घर की रोशनी, शहर को रात में सडक़ो पे इतने डर निकलते है, सुबह अखबार के पन्ने भी खंू से तर निकलते है…’ सुनाते हुए वर्तमान हालातों पर प्रकाश डाला। कवि सम्मेलन में कोटा से आई कवियत्री मीनू शर्मा के आते ही राष्ट्रीय कवि प्रदीप पंवार के बीच काव्यात्मक नोंक झोंक का दौर शुरु हो गया और 20 मिनट तक नोंक झोंक का दौर चला तो इसका श्रोताओं ने खूब आनंद लिया। कवियत्री मीनू शर्मा ने ‘तुझे एक पल में उड़ा देगी हवाएं मेरी, सोलहवां साल है कालित है निगाहें मेरी, जुल्फ लहराकर जब में सडक़ पे निकलती हूँ…’ श्रोताओं से तालियां बंटोरी। मुशायरे में टोंक के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर डा.जिया टोंकी ने मुशायरे को परवान चढ़ाते हुए ‘मुझको पहन कर देश को नाकाम ना करो, विश्वास को तो तूम मेरे नीलाम मत करो, खादी है मेरा नाम, तपस्या हूँ, त्याग हूँ, भक्ति के ताने-बाने को बदनाम मत करों…’ सुनाई तो पांडाल तालियों से गंूज उठा।

कवि सम्मेलन के रस रंग घोलते हुए राष्ट्रीय कवि प्रदीप पंवार ने हास्यं की गई फूल झडिय़ाँ छोड़ते हुए ‘कन्यादान करके हम अपनी भावनाओं का अपमान कैसे कर सकते हैं,प्रदूषित परम्पराओं का सम्मान कैसे कर सकते हैं, अगर कन्यादान भी और दान जैसा ही है,तो हम अपनी आत्मा का दान कैसे कर सकते हैं…’ सुनाकर श्रोताओं को जमकर तालियां के साथ वाह-वाही लूटी।

मध्यप्रदेश देवास से आएं अजीम देवासी ने ‘गुल हो नायाब तो गुलदान भी आ आते है, झौपड़ी में कभी सुल्तान भी आ जाते है, दोस्त होकर भी तुम आएं न अयादत को मेरी, ऐसे हालात में अनजान भी आ जाते हैै…’ सुनाते हुए स्वार्थभरी दुनियां के ऊपर तंज कसा। कार्यक्रम में महिला बाल विकास अधिकारी ओमप्रकाश सैनी, महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भानू प्रताप यादव, बृजबिहारी शर्मा, सानिया मुनव्वर, जहीर आलम, शहजादे मियां आदि मौजूद थे।

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