Tonk News ( फिरोज़ उस्म्मानी) – प्रदेश में भ्रष्ठाचार (Corruption) का बढ़ते ग्राफ का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है, कि उपमुख्यमंत्री व टोंक विधायक सचिन पायलट (Deputy Chief Minister and Tonk MLA Sachin Pilot) का गृह जिला इन दिनों प्रशासनीक अधिकारियों पर लग रहे भ्रष्ठाचार आरोपों से खासा चर्चाओं में है। एक के बाद एक प्रशासनीक अधिकारियों पर रिश्वत के आरोप लग रहे है। कलक्टर से लेकर एसडीएम पद पर बैठे लोग भ्रष्ठाचार कीजांच के घेरे में है। पुलिस भी इन मामलों पर काईवाई को लेकर पसौपेश में है।
मामले दर्ज होने के बाद भी अब तक किसी भी मामलें में ठोस कार्रवाई अमल में नही लाई गई है। हैरत की बात तो ये है कि परिवादी बने जिला कलक्टर की एफआईआर तक पर 8 दिन बीत जाने पर भी पुलिस कोई काईवाई नही कर पाई है। तो आम व्यक्ति की पुलिस में सुनवाई होना तो दूर की ही बात है। प्रशासनीक अधिकारियों पर भ्रष्ठाचार के आरोपों की शुरूआत तत्कालीन एसडीएम टोंक छोटूलाल शर्मा से हुई।
तत्कालीन एसडीएम टोंक
एक चतुर्थ कर्मचारी इमाम अली ने पूर्व एसडीएम टोंक पर बजरी माफियाओं से साठंगाठ कर रिश्वत के आरोप लगाए थे। रिश्वत की राशि नही लाने पर चतुर्थ कर्मचारी को एसडीएम कार्यालय बुलाकर मारपीट के आरोप भी लगे थे। इसको लेकर कर्मचारी इमाम अली ने छोटूला शर्मा के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस में मामला दर्ज कराया था। घटना के बाद तत्कालीन एसडीएम छोटूलाल शर्मा को एपीओ कर दिया गया।
जिला कलक्टर टोंक
इसी तरह 29 नवबंर को टोंक जिला कलक्टर के.के. शर्मा ने तत्कालीन टोंक नगर परिषद आयुक्त पूजा मीणा के खिलाफ कलक्टर पद की गरीमा को ठेस पहुचानें व रिश्वत मागंने का आरोप लगा कर बदनाम करने का मामला कोतवाली थाना पुलिस में दर्ज कराया।
निवाई एसडीएम
इसी तरह 3 दिन पूर्व निवाई एसडीएम जेपी बैरवा के चेबंर में रखी फाईल से 30 हजार रूपयां की रिश्वत की राशि भ्रष्ठाचार निरोधक ब्यूरों जयपुर की टीम ने बरामद की है। परिवादी एडवोकेट ने एसडीएक के खिलाफ रिश्वत की शिकायत एसीबी में दर्ज कराई थी।
देखने वाली बात हे कि उपमुख्यमंत्री के गृह जिला टोंक में एक के बाद एक प्रशासनीक अधिकारियों पर रिश्वत के आरोप लग रहे, बावजूद इसके मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यंमंत्री चुप्पी साधे बैठे है। भ्रष्ठाचार के आरोपों में घिरें प्रशासनीक अधिकारियों पर कार्रवाई के नाम पर केवल एपीओ कर पल्ला झाड़ा जा रहा है। सरकार की और से कोई ठोस कार्रवाई अमल मे नही लाई जा रही ।