सुखद : धौलपुर अब कोरोना मुक्त, देश के 27 जिलों में बनाई जगह

Photo Facebook Post- धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल

Dholpur News। कहते हैं कि जहां चाह होती है,वहां राह भी होती है। पूर्व तैयारी,बेहतर प्रबंधन तथा कुशल नेतृत्व से मुश्किल से मुश्किल काम को भी सफलता पूर्वक सहजता से किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के मामले में धौलपुर जिले ने यह कर दिखाया है। अब धौलपुर जिला कोरोना मुक्त हो गया है तथा देश के कोरोना मुक्त हुए 27 जिलों में धौलपुर ने अपनी जगह बनाई है। धौलपुर जिला प्रशसन और चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग के सराहनीय प्रयासों तथा आमजन की जागरुकता से यह संभव हो सका है।

 

 

कोरोना संक्रमण काल में पूर्व तैयारी के साथ में बेहतर प्रबंधन को अंजाम देने वाले जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल बताते हैं  कि जिले में प्रथम कोविड-19 केस 2 अप्रैल 2020 को चिन्हित हुआ था। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक कुल 1 लाख 20 हजार 864 सैम्पल लिये गये। जिनमें 3 हजार 761 रोगी संक्रमित पाये गये। अब तक कुल 3 हजार 728 रोगी स्वस्थ्य हो चुके है तथा 29 रोगियो की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि जिले में पॉजिटिविटी दर 3.11 प्रतिशत, रिकवरी दर 99.12 प्रतिशत तथा मृत्युदर 0.77 प्रतिशत रही है।

जिले को कोरोना मुक्त बनाने के लिए किए गए प्रबंधों में बार्डर स्क्रीनिंग जैसा प्रभावी उपाय काम आया।

जिले की सीमा उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश से लगी हुई है। साथ ही एनएच-3 पर वाहनो का आवागमन निरन्त रहता है। इस कारण संक्रमण के फैलाव को देखते हुये जिले की समस्त सीमाओं पर चिकित्सा दलों द्वारा कोरोना स्क्रीनिंग करवाई गई। इसके अतिरिक्त जिले में टे्रनों के ठहराव पर उतरने वाले यात्रियों की आवश्यक जॉंच की गई। जिससे जिलें में कोरोना संक्रमण के फैलाव रोकने में मदद मिली।

जिले में कोरोना नियंत्राण हेतु व्यापक रणनीति अपनाकर सैम्पल की संख्या बढाई गई जिसमें मुख्यत: प्रवासी, मजदूर, दुकानदार, सब्जी व फल विक्रेताओ को सम्मलित किया गया। सुपरस्प्रेडर की प्रारम्भिक अवस्था में जॉच से संक्रमण का फैलाव कम हुआ। साथ ही पॉजिटिव व्यक्तियों का प्रारम्भिक जॉच एवं शीघ्र उपचार के तहत अग्रिम चिन्हीकरण किया गया। प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज की कॉन्टेक्ट एवं टैऊवल हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त कर सम्पर्क में आये हुये लोगों को क्वारेन्टाईन कर जॉच कराई गई। जिससे संक्रमण की चैन रोकने में मदद मिली।

इसके साथ ही मिशन लीसा के जरिए कोविपड संक्रमण के चिन्हीकरण तथा संक्रमण को रोकने में मदद मिली। मरैना पीएचसी द्वारा मिशल लिसा में सम्पूर्ण राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया। क्वारेन्टाईन सेन्टर व कोविड केयर सेन्टर की व्यवस्था-जिले में संदिग्ध कोरोना रोगियो के निवास हेतु क्वारेन्टाईन सेन्टर स्थापित किये गयें जिन की कुल क्षमता 4 हजार से अधिक बैड की थी। साथ ही 9 कोविड केयर सेन्टर स्थापित किये गये जिनमें बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजो का ईलाज किया गया।

 

जिले में कोरोना मरीजो के उपचार हेतु जिला चिकित्सालय व उप जिला चिकित्सालय को अपग्रेड किया गया। दोनो चिकित्सालयों में ऑक्सीजन पाईपलाईन, वेन्टीलेटर, आईसीयू बैड की व्यवस्था की गई वर्तमान में कुल 205 ऑक्सीजन सर्पोटबैड, 26 आईसीयू बैड तथा 32 वेन्टीलेटर उपलब्ध है।

कोरोना की रोकथाम व उपचार में आवश्यक दवा व अन्य लॉजिस्टिक यथा मॉस्क, पीपीई किट, वीटीएम की उपलब्धता सुनिश्चित की गई जिससे कोरोना रोकथाम व उपचार में मदद मिली।

कोरोना पॉजिटिव रोगियो को समीक्षा के उपरान्त आवश्यकतानुसार उनके घर पर ही आईसोलेट कर उपचार किया गया। जिससे घर पर परिजनो के बीच तनाव मुक्त रह सकें। साथ ही रोगियो को एएनएम, ब्लॉक स्तर तथा जिला स्तर से सम्पर्क कर ट्रिपल लेयर मॉनिटरिंग द्वारा घर पर ही ठहराव सुनिश्चित किया गया। जिले में आरटी-पीसीआर जॉच लैब स्थापित की गई जो कि 2 दिसम्बर 2020 से अब तक कुल 7 हजार 600 सैंपलों की जांॅच कर चुकी है।

जिससे रोगियो को उनकी जॉच रिर्पोट कम समय में उपलब्ध हो पाई तथा पॉजिटिव रोगियो को जल्द उपचार मिल सका।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गम्भीर कोरोना रोगियों को ऑक्सीजन डिमांड देखते हुये जिले में जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय के साथ-साथ सीएचसी एवं पीएचसी को कुल 72 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिये विभिन्न स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाये गये जिसमें विभिन्न विभागों एवं संगठनो ने प्रशासन एवं विभाग का सहयोग किया। आमजन को कोरोना से बचाव हेतु सामाजिक दूरी रखने, हाथ धोने एवं मास्क पहनने हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया गया। यह खुशी की बात है कि वर्तमान में जिला कोरोना मुक्त है। यह राहत की बात है। लेकिन अभी भी मास्क और सामाजिक दूरी की पालना करना आवश्यक है।