चंबल के बीहड में जैविक खेती से मुनाफा कमा रहे धरती पुत्र

Dr. CHETAN THATHERA
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Dholpur News । कहते हैं कि जहां कुछ करने की चाह होती है,वहां कोई ना कोई राह जरुर निकलती है। विषम भौगोलिक हालात के बावजूद जैविक खेती से फसल उत्पादन के मामले में धौलपुर के किसानों ने कुदरत की इसी कहावत को चरितार्थ किया है। आज चंबल के बीहड में धरती पुत्र कहे वाले किसान जैविक खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। जैविक खेती से गेहूं उगाने वाले किसानों की नजर अब बागवानी और फलों की नई किस्में विकसित करने पर है। इस कवायद से ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में चंबल के बीहड क्षेत्र में भी फल और फूलों का उत्पादन जैविक खेती के जरिए संभव हो सकेगा।

वर्तमान दौर में कृषि क्षेत्र में रसायनों एवं कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी होती जा रही है। इसके साथ ही फसलों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकी है। बीते एक साल में अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरुक करने वाले जिला कलेक्टर आरके जायसवाल द्वारा बताते हैं कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने तथा मनुष्य व पशु स्वास्थ्य पर कृषि में उपयोग हो रहे रसायनों के प्रयोग से उत्पन्न दुष्प्रभावों से बचने के लिए जैविक खेती करना आज की महती आवश्यकता हो गई है।


जायसवाल ने बताया कि धौलपुर जिले में कृषि विभाग के माध्यम से जैविक खेती के लिए वर्ष 2018-19 में परंपरागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत एक हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल के लिए 1148 कृषकों का चयन किया गया था। इन सभी चयनित कृषकों को पंचायत समितिवार कुल 50 समूहों, प्रत्येक समूह में 20 हैक्टेयर जमीन के लगभग 20 कृषकों का पीजीएस इंडिया (पार्टीसिपेटरी गारंटी सिस्टम, इंडिया) पर पंजीयन करवाया गया था। इन किसानों को परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत जैविक उत्पादन लेने हेतु वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण, जैविक काढ़ा उत्पादन इकाई, भूमि का जैविक परिवर्तन एवं जैविक आदान हेतु कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक किसान को अधिकतम राशि रूपये नौ हजार रुपये का अनुदान दिया गया था।


जैविक खेती के आंकडों के मुताबिक पंचायत समिति सैंपऊ में 182 कृषकों द्वारा 184 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 6774 क्विण्टल, पंचायत सिमति, धौलपुर में 303 कृषकों द्वारा 220 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 8303 क्विण्टल, पंचायत समिति, बाड़ी के 247 कृषकों द्वारा 253 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 9054 क्विण्टल, पंचायत समिति बसेड़ी के 85 कृषकों द्वारा 72 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2561 क्विण्टल एवं पंचायत समिति राजाखेड़ा 283 कृषकों द्वारा 167 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 6109 क्विण्टल रूपान्तरण अवधि के जैविक गेहूं का उत्पादन किया गया है। इस प्रकार जिले में कुल 1100 कृषकों द्वारा 895 हैक्टेयर क्षेत्रफल 32806 क्विण्टल जैविक कार्यक्रम हेतु भूमि का जैविक रूपान्तरण अवधि के जैविक गेंहूं का उत्पादन लिया गया है। 


इस प्रकार धरती पुत्र जैविक गेहूं को बाजार से अधिक दरों पर बेचकर न केवल अपनी आय को बढ़ा रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य व पर्यावरण को अच्छा रखकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। धौलपुर जिले में जैविक खेती के इस कार्यक्रम से जुड़े कृषकों को इस वर्ष पीजीएस इंडिया पर पंजीकरण उपरांत दो वर्ष के भूमि के जैविक परिवर्तन होने के सभी किसानों के स्कोप सर्टीफिकेट जारी हो चुके हैं। इन सभी कृषकों के द्वारा जैविक खेती करने की दिशा में यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस प्रमाण-पत्र की प्राप्ति के बाद आगामी वर्षों में कृषक अपना जैविक उत्पादन तैयार कर सकेंगे और अपने जैविक उत्पादों को बाजार में 20 से 50 प्रतिशत तक गुणवत्ता के आधार पर कभी-कभी 100 प्रतिशत तक अधिक मूल्य पर विक्रय कर सकेंगे।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम