Deoli News : दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भगवान शिव का सुमिरन मात्र मनुष्य के पाप काटता है। भगवान शिव का ब्रह्मा अवतार संसार की उत्पत्ति करता है। विष्णु अवतार पालन व रुद्रावतार संहार, महेश्वर तिरोधान तथा शिव अनुग्रह करते है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को सदाचार का पालन करना चाहिए। सदाचार का पालन नहीं करने वाला मनुष्य पशु तुल्य माना जाता है। सदाचारी मनुष्य को पवित्र व शुद्ध माना जाता है। जिस प्रकार केवल दवा ले जाने मात्र से रोगी ठीक नहीं होता। उसी प्रकार सत्संग व कथा में बैठने से जीवन का उद्धार नहीं होता। सत्संग व भगवान की प्रेरणादायी बातों को जीवन में दवा की भांति उतारना ही पड़ता है। मनुष्य अपनी भक्ति के अनुसार भगवान के साथ आचरण करता है। भगवान शिव का दरबार ऐसा है, जो सभी जीवमात्र के लिए हमेशा खुला रहता है। कथा के बीच बापू ने वृन्दावन स्थित श्रीबांके बिहारी भगवान की महिमा बताई। उन्होंने बताया कि बांके बिहारी का प्राकट्य वृन्दावन के निधिवन से हुआ है। इस बीच भगवान शिव व कन्हैया के भजनों ने महिला श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। कथा की समाप्ति पर आरती की गई।