
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह शेखावत के आपस में मिले होने के बयान के बाद अब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। सचिन पायलट ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र में इसलिए मंत्री बन गए क्योंकि सत्ता में होने के बावजूद भी हम उनके सामने जोधपुर से लोकसभा का चुनाव हार गए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अगर हम जोधपुर का चुनाव नहीं हारते तो गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र में मंत्री नहीं बन पाते, उस वक्त हमसे चूक हुई थी और इस बार हम चूक नहीं करेंगे। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार हम जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनाव हराएंगे।
गहलोत की बातों का बुरा नहीं मानता
सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को लेकर कहा कि सीएम गहलोत वरिष्ठ अनुभवी और मेरे पिता तुल्य हैं इसलिए मैं उनके किसी भी बयान को अन्यथा नहीं लेता। उन्होंने पहले भी मुझे निकम्मा और नाकारा का था लेकिन मैं उसका भी बुरा नहीं मानता हूं कोई क्या कहता है मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा प्रयास यही है कि प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर सत्ता में कैसे आए।
सचिन पायलट ने कहा कि 2008 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई थी लेकिन 2013 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई उस समय अगर एक विधायक भी और कम रहता तो हमें विपक्ष का दर्जा भी नहीं मिलता। हमने विपक्ष में खूब रगड़ाई खाई है और उसी की बदौलत कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। हमारा प्रयास यही है कि जिन लोगों ने सरकार बनाने में अपना खून पसीना बहाया था उन्हें सम्मान मिलना चाहिए।
राहुल गांधी ने मेरी तारीफ की, अब कहने को कुछ नहीं बचा
सचिन पायलट ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंच से मेरी तारीफ की थी।उन्होंने मेरे सब्र की तारीफ करते हुए मेरी प्रशंसा की। इसके बाद अब कहने को कुछ नहीं बचता है,राहुल गांधी के बयान को किसी को भी अन्यथा नहीं लेना चाहिए और इसे पॉजिटिव रूप में देखना चाहिए। अगर फिर भी किसी को तकलीफ हो रही है तो फिर मैं क्या कर सकता हूं।
गौरतलब है कि सीकर दौरे पर गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार गिराने की साजिश में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आपस में मिले होने का आरोप लगाया था जिसके बाद राजस्थान सियासत का पारा चढ़ गया था।