आरोपी को किया तीन साल की सजा से दण्डित
Deoli News\Dainik reporter : राष्ट्रीय पक्षी मोर (National Bird Peacock) के हत्यारों पर बुधवार को न्यायालय का कहर (Court havoc) बरपा।
इस मामले में अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट (Additional Judicial Magistrate) अमरसिंह खारडिय़ा ने आरोपी को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के तहत तीन वर्ष के साधारण कारावास (Simple imprisonment) व आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया।
प्रकरण के अनुसार इस सम्बन्ध में 13 मई 2011 को डाबर कलां निवासी रामनारायण मीणा ने देवली पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसमें बताया कि गांव में उसके एक उद्यान में 8 से 10 मोर थे। इस बीच एक दिन वहां दो मोर कम दिखाई दिए। इस पर उसे शंका हुई।
उसे कुएं के समीप मोर पंख मिले। इस पर परिवादी ने कुएं के समीप जाकर देखा, तो नासिरदा निवासी रामकिशन मोग्या के चूल्हें में मोर के अवशेष मिले। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आरोपी रामकिशन ने मोरों के मारने की बात स्वीकार की। पुलिस ने मोर की हत्या के उपयोग में दी गई बंदूक जब्त की।
पुलिस जांच में आरोपी रामकिशन मोग्या व श्योजी कहार के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण के समर्थन में 12 गवाहों के बयान व साक्ष्यों के बाद न्यायालय नेें रामकिशन को दोषी मानते हुए तीन वर्ष के साधारण कारावास व 10 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया।
उधर अवैध रुप से बंदूक रखने के आरोप में दोषी को धारा आयुध अधिनियम के तहत एक वर्ष के साधारण कारावास व 500 रुपए के आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया। जबकि अभियुक्त श्योजी कहार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।