अलवर जिले के टपूकड़ा सीएससी में रत्तीराम जाटव की ओर से खुदकुशी के मामले में मांगों को नहीं माने जाने पर परिजनों ने शनिवार को दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं करवाया और लगातार धरना दिया जा रहा है। मृतक रतिराम का शव अभी अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है। इस मामले में व्यापार संगठनों और भाजपा की ओर से टपूकड़ा के बाजार को बंद करवाया गया। संघर्ष समिति की ओर से रविवार 18 अगस्त को भी टपूकड़ा बाजार बंद रखने का ऐलान किया गया है।
समिति का आरोप है कि 6 बार प्रशासन के साथ वार्ता हुई, लेकिन बेनतीजा रही। शनिवार को अलवर सांसद बालक नाथ व पूर्व मंत्री जसवंत सिंह भी मौके पर पहुंचे और जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के बीच शनिवार शाम 4 बजे से वार्ता हुई, जो दूसरी बार बेनतीजा रही। पीडि़त पक्ष की मांग है पहले आरोपियों को गिरफ्तार करो फि र वार्ता होगी।
पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को पकड़ नहीं पाई है। शनिवार को बाजार बंद के दौरान पूर्व विधायक मामन सिंह यादव की थानाधिकारी से झड़प हो गई। पुलिस बाजार को बंद नहीं करवाने की कोशिश में जुटी हुई थी। पर व्यापारियों और भाजपा नेताओं की ओर से अपील कर व्यापारियों से समर्थन मांगते हुए टपूकड़ा का बाजार बंद कराया गया। इस दौरान कई बार पुलिस और भाजपा नेताओं की बीच तीखी बहस और नोकझोंक हुई। शनिवार को परिजनों ने धरना स्थल पर सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। फि लहाल मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
टपूकड़ा सीएचसी में चल रहे धरना स्थल पर शनिवार को दोपहर अलवर से भाजपा सांसद महंत बालकनाथ धरना स्थल पर पहुंचे और मृतक रत्तीराम के परिजनों को सांत्वना दी। सांसद महंत बालकनाथ ने परिजनों को न्याय नहीं मिलने तक आंदोलन में उनके साथ रहने का भरोसा दिलाया। पहलू खान मामले में एसआईटी के गठन के सवाल पर भाजपा सांसद बालकनाथ ने कहा कि सरकार अपनी दृष्टि से देखकर निर्णय ले रही है। सरकार के द्वारा चुनावों के समय थानागाजी गैंगरेप मामले को किस तरह दबाया था, सबको इस बारे में पता है।
उधर टपूकड़ा में रत्तीराम सुसाइड मामले में शनिवार को धरना स्थल पर संघर्ष समिति की बैठक हुई, जिसमें मांगों में बदलाव किया गया है। संघर्ष समिति ने एक करोड़ रुपए के मुआवजे की जगह पांच लाख रुपए नकद व 5 बीघा जमीन आवंटित करने और एएसपी भिवाड़ी नाजिम अली और डीएसपी भिवाड़ी देवेन्द्र सिंह को एपीओ कर जांच संभागीय आयुक्त से करवाने की मांग की गई है। जबकि मॉब लिंचिंग में मारे गए हरीश की पत्नी को सरकारी नौकरी और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग यथावत रखी गई है।
कमेटी की ओर से शुक्रवार शाम को जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह और श्रम मंत्री टीकाराम जूली को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था, जिसमें 7 मांगे रखी गई थी। इनमें मृतक हरीश जाटव के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, जिन दो अधिकारियों डीएसपी देवेंद्र सिंह और एडिशनल एसपी नाजिम अली की कथित लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के कारण रतिराम की मृत्यु हुई है। उन्हें तत्काल सस्पेंड किया जाए, मृतक हरीश जाटव की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए।
मृतक के परिवार को 1 करोड़ नकद मुआवजा राशि दी जाए,जिन अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी के कारण रतिराम की मौत हुई है, उनके खिलाफ एफ आईआर दर्ज कर आपराधिक कार्रवाई की जाए, ग्राम झिवाणा का पुलिस थाना चौपानकी को बदलकर पुलिस थाना खुशखेड़ा किया जाए, क्योंकि चौपानकी थाने पर एक वर्ग विशेष और दलालों का वर्चस्व रहता है आदि सहित 7 मांगें रखी गई हैं। संघर्ष समिति के संयोजक रामकिशन मेघवाल ने बताया कि प्रशासन के साथ 6 बार वार्ता हुई लेकिन वार्ता विफल हो गई।