मुख्यमंत्री कौन होगा काउंट डाउन शुरू : सचिन पायलट सहित ये प्रमुख नाम

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। कांग्रेस में “एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत’ के फार्मूले के चलते जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएम पद छोड़ने के संकेत दे चुके हैं तो वहीं अब मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस में सीएम चेहरे की तलाश शुरू हो गई है। सियासी गलियारों में भी इस बात की चर्चा चल पड़ी है कि आखिर राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? हालांकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सीएम की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है।

पायलट समर्थक भी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को संकेत दे दिए हैं, उसी के बाद सचिन पायलट लगातार विधायकों से मेल मुलाकात करके अपने लिए समर्थन जुटा हैं। सचिन पायलट के अलावा तकरीबन आधा दर्जन नेता ऐसे हैं जो सीएम पद की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सीएम गहलोत की की राय के बिना मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल नहीं हो पाएगा।

दो प्रमुख जनजातियों से भी शुरू हुई लॉबिंग

दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजस्थान की दो प्रमुख जातियों जाट और एसटी वर्ग से भी मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर लॉबिंग शुरू हो चुकी है। दोनों समाजों से जुड़े सामाजिक नेता भी “अभी नहीं तो कभी नहीं” वाली थीम पर पार्टी आलाकमान से मांग कर रहे हैं। दरअसल राजस्थान के इतिहास में जाट और एसटी वर्ग से कभी भी कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। ऐसे में इस बार जाट और एसटी वर्ग से मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा चल पड़ी है।

रणनीति के तहत बढ़ाए गए नाम

कांग्रेस के गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो अशोक गहलोत खेमे की ओर से एक रणनीति के तहत जाट और एसटी वर्ग से सीएम के दावेदारों के नाम आगे बढ़ाए गए हैं। इसके पीछे वजह यह है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सीएम बनने से रोकने के लिए एसटी और जाट वर्ग के नेताओं को आगे किया गया है। चर्चा यह भी है कि अगर जाट और एसटी वर्ग से आने वाले नेताओं को सीएम बनाने की बात आती है तो सचिन पायलट खेमा चाह कर भी उसका विरोध नहीं कर पाएगा।

ब्राह्मण वर्ग से भी मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए लॉबिंद

इधर ब्राह्मण वर्ग से भी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग ने अंदर खाने जोर पकड़ा हुआ है। पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि मुख्यमंत्री इस बार ब्राह्मण वर्ग से बनाना चाहिए जिससे कि पूर्व में छिटका हुआ ब्राह्मण वोट फिर से पार्टी के पास आ सके।

जाट वर्ग से इन नेताओं के नाम सीएम की रेस में

जाट वर्ग से जिन दो प्रमुख नेताओं के नाम सीएम पद की रेस में चल रहे हैं उनमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारिया और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी का नाम है। तीनों ही नेताओं को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी माना जाता है।

एसटी वर्ग से ये हैं प्रमुख चेहरे

एसटी वर्ग से जिन प्रमुख नेताओं के नाम सीएम पद की रेस में चल रहे हैं उनमें वरिष्ठ विधायक रामनारायण मीणा, कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा और कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम भी चर्चा में हैं। इनमें महेंद्रजीत सिंह मालवीय और परसादी लाल मीणा को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है।

ब्राह्मण चेहरे के तौर पर इन नेताओं के नाम

वहीं ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जिन नेताओं के नाम सीएम पद की रेस में शामिल हैं उनमें विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला, महेश जोशी और पूर्व मंत्री रघु शर्मा का नाम शामिल है। चारों नेताओं को भी सीएम गहलोत का करीबी माना जाता है। वरिष्ठता के आधार पर सीपी जोशी का नाम मजबूती से चल रहा है, सीपी जोशी पीसीसी अध्यक्ष के साथ-साथ केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं।

सीएम की राय को मिलेगी अहमियत

सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री के चयन में अशोक गहलोत की राय को अहमियत मिल सकती है, पार्टी आलाकमान भी अशोक गहलोत से राय मशवरा के बाद ही सीएम पद पर नाम तय करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री वहीं बनेगा जिसे विधायकों का समर्थन हासिल होगा और विधायकों की राय- मशवरे से ही सीएम के नाम पर नाम पर मुहर लगेगी।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/