जयपुर/ राजस्थान में विधानसभा चुनाव को अब मात्र चंद महीने ही बाकी बचे हैं लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस और सरकार में घमासान लगातार जारी है। 2 दिन से धारीवाल और खाचरियावास के बीच वाक युद्ध जारी था।
अभी वह ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब कांग्रेस के ही एक विधायक ने अपने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें कटघरे मैं खड़ा करते हुए विधायक ने पद से इस्तीफा तक दे दिया है।
प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है तब से ही कांग्रेस अंतर कलह से दो-दो हाथ हो रही है और गुटबाजी में फंसी होने के साथ ही मंत्री और विधायकों का एक दूसरे पर सार्वजनिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर जारी है। अभी पिछले 2 दिन से गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री शांतिलाल धारीवाल और प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच सार्वजनिक तौर पर वाक युद्ध जारी था ।
अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि कांग्रेस के ही तेजतर्रार हाडोती क्षेत्र के सांगोद विधानसभा से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सोशल मीडिया पर अपना त्यागपत्र वायरल किया है इस त्यागपत्र मुख्यमंत्री को भेजा है ।
त्यागपत्र में विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने लिखा निवेदन है कि कृपया इस पत्र को ही मेरे स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के सदस्य पद से त्यागपत्र समझा जाए ।
गहलोत साहब आपकी रूचि नही
त्यागपत्र देने का कारण स्पष्ट कर रहा हूं वन्य जीव संरक्षण भवनों में मेरी बचपन से रुचि रही है। तथा एक विधायक के रूप में भी इनके सरंक्षण पर मैंने ध्यान दिया है । प्रदेश के वाइल्डलाइफ बोर्ड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है आप मुख्यमंत्री होने के नाते वाइल्डलाइफ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
लेकिन सच्चाई तो यह है कि वाइल्ड लाइफ के सरंक्षण में आपकी रुचि नहीं है वह इसी कारण वाइल्डलाइफ बोर्ड की बैठकर भी प्रदेश में समय पर नहीं होती है आपने कभी भी घोषित मुकुंदरा टाइगर रिजर्व पार्क का अवलोकन नहीं किया
जैन को भष्ट्र मंत्री करार दिया और गहलोत पर सरंक्षण का आरोप
साल 2018-19 की बजट घोषणा अनुसार अंता में गोडावण प्रजनन केंद्र का विकास होना था । अंता के विधायक व प्रदेश के भ्रष्ट मंत्री( खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की और इशारा) को आपने सरंक्षण प्रदान कर गोडावण के संरक्षण बोर्ड को अंगूठा दिखा कर अपने पहले बजट घोषणा में राज्य पक्षी गोडावण की हवा निकाल दी है ।
वन विभाग मे तबादले वन मंत्री की बिना सहमति के किए
हाल ही में 20 जून को सीएमओ ने आदेश निकाल कर वन विभाग के 39 आई एफ एस की सूची के साथ साथ बड़ी संख्या में तबादले किए हैं । इस विषय पर माननीय वन मंत्री जी से मैंने फोन पर बात की तो उनका कहना था कि सीएमओ ने उनसे बिना चर्चा किए यह स्थानांतरण किए हैं यह अत्यंत खेद जनक है कि विभाग के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को नजरअंदाज कर सीएमओ कार्य कर रहा है ।