जयपुर। उदयपुर में चल रहे कांग्रेस चिंतन शिविर के दूसरे दिन पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश में बढ़ती महंगाई और अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। चिदंबरम ने कहा कि विकास की धीमी दर पिछले 8 सालों में मोदी सरकार के पहचान बन गई है। चिदंबरम ने आज उदयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज देश में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति अत्यधिक चिंता का विषय है।
इन सब के लिए केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। चिदंबरम ने कहा कि आज देश में बढ़ती महंगाई के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है और आज महंगाई के चलते आम आदमी को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उदारीकरण के एक नए युग की शुरुआत की थी जिसके बाद आज 30 सालों के बाद फिर से इसे महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक और घरेलू विकास को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियों को एक बार फिर से बदलने का समय आ गया है।
चिदंबरम ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से देश की रिकवरी रुक गई है। पिछले 5 महीनों में साल 2022-23 के ग्रोथ के अनुमानों को समय-समय पर कम किया गया, जिससे बेतहाशा महंगाई बढ़ गई है जो कि आने वाले समय के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार इन घटनाक्रमों से निपटने के तरीके से अनजान दिखाई देती है। पिछले 7 महीनों में 22 अरब अमेरिकी डॉलर देश से बाहर हो गए हैं और विदेशी मुद्रा भंडार 36 अरब अमेरिकी डॉलर कम हो गया है।
तेल के दामों के लिए यूक्रेन युद्ध पर ठीकरा नहीं फोड़ सकते
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल और डीजल की दरों में वृद्धि के लिए रूस यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार बता रही है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें युद्ध के पहले से ही बढ़ी हुई है। गेहूं के निर्यात पर रोक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र सरकार पर्याप्त गेहूं खरीद में विफल रही है यह एक किसान विरोधी कदम है। मुझे हैरानी नहीं क्योंकि यह सरकार कभी भी किसानों के हितेषी नहीं रही है।