राज्य के ग्रामीण हिस्सों में सिक्कों को लेकर मारा मारी मची हुई है। छोटे दुकानदार और बस चालक सिक्के लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं जबकि रिजर्व बैंक के अनुसार 50 पैसे से ऊपर के सभी सिक्के वैध है और कोई भी दुकानदार इन्हें लेने से मना नहीं कर सकता है।
सिक्को के चलने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता डा. धर्मवरी चन्देल की ओर से सूचना के अधिकार कानूनÓ के तहत मांगी गई सूचना में खुलासा हुआ कि पांच, दस, बीस और पच्चीस पैसे तक के सिक्के रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार 30 जून 2011 से वैध मुद्रा नहीं है। इसके कारण इनका चलन बंद कर दिया गया है जबकि 50 पैसे, एक रुपया, दो रुपए, पांच और दस रुपए मूल्यवर्ग के सभी सिक्के वैध मुद्रा है।
सिक्को को लेकर स्पष्टï सूचना के अभाव में दुकानदार इन्हे लेने से मना कर रहे हैं जबकि आरबीआई के अनुसार यह वैध मुद्रा है और इन्हे लेने से मना कर ने पर प्रशासन दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है। बता दें कि नोटबंदी के बाद बाजार की हालत संभालने के लिए नोटों के अलावा सिक्को भी बाजार में भेजे गए थे जिसके कारण सिक्के बहुतायत में हैं। ऐसे में वजन से बचने के लिए दुकानदार ये सिक्के लेेने से मना कर रहे हैं।
इसके अलावा भले ही आरबीआई ने 50 पैसे का सिक्का चलन में रखा है लेकिन दुकानदारों ने अघोषित रूप से इस सिक्के को चलन से बाहर कर दिया ह। अब तो हालात यह है कि दुकानदार ही नहीं बल्कि भीख मांगने वाले लोग भी 50 पैसे का सिक्का लेने से मना कर रहे हैं।