विजय स्तम्भ के टेढ़े हुए एंटीने को किया जाएगा दुरुस्त, वानर अंदर नहीं घुसे इसके लिए जालियां भी सही करेंगे

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Chittorgarh News। कीर्ति स्तम्भ पर बिजली गिरने की घटना के बाद अब पुरातत्व विभाग यहां के प्रमुख स्मारकों की सुध लेने में लगा है। कीर्ति स्तम्भ के तड़ित चालक को लगाने के बाद हिन्दुस्तान जिंक की तकनीकी टीम ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ विजय स्तम्भ का भी अवलोकन किया है।

इसमें सामने आया कि विजय स्तम्भ के तड़ित चालक के एंटीने को वानरों ने टेड़ा कर दिया है। ऐसे में क्रेन की सहायता से इस एंटीने को बुधवार को सही करवाया जाएगा। मंगलवार को अर्थिंग का काम किया गया।

वहीं कुंभ श्याम मंदिर के एंटीने का भी तकनीकी टीम ने अवलोकन किया है। वहीं इसके अंदर वानरों को घुसने से रोकने के लिए एंटीना भी लगाया जाएगा।

जानकारी में सामने आया है कि विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग के कीर्ति स्तम्भ पर गत सप्ताह दो बार बिजली गिरने की घटना हुई थी। इसमें ऐतिहासिक भवन को काफी नुकसान पहुंचा था।

इसके बाद चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर की पहल पर व पुरातत्व विभाग की अनुमति के बाद जिंक की तकनीकी टीम ने कीर्ति स्तंभ पर तड़ित चालक लगाने का कार्य अपने हाथ में लिया था। रविवार शाम को यहां तड़ित चालक लगाने का काम शुरू किया था, जो मंगलवार शाम को जाकर पूरा हुआ। तड़ित चालक का जमीन में अर्थिंग देने का काम तो शाम तक चलता रहा। यहां क्रेन का कोई काम नहीं रह गया था।

ऐसे में मंगलवार दोपहर के समय में क्रेन को विजय स्तंभ के यहां पर लाया गया। यहां पर पहले से ही तड़ित चालक लगा हुआ है, लेकिन यह पूरी तरह से कार्य कर रहा है या नहीं यह भी तकनीकी टीम को दिखाया गया।

पुरातत्व विभाग के अधिकारी रतन जितरवाल व हिंदुस्तान जिंक की तकनीकी टीम क्रेन की सहायता से विजय स्तंभ के शिखर तक पहुंची और अवलोकन किया है। इसमें सामने आया कि यहां तड़ित चालक तो सही कार्य कर रहा है लेकिन इसका एंटीना टेढ़ा हो गया है।

ऐसे में यहां नए सिरे से एंटीना लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि दुर्ग पर बड़ी संख्या में वानर है जो विजय स्तंभ शिखर तक जाते हैं। संभवतया इनके एंटीने पर लटके अथवा कूदने के कारण यह टेड़ा हुवा हो। ऐसे में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने हिंदुस्तान जिंक की तकनीकी टीम को यहां लगे एंटीने को सही करने को कहा है।

इसके अलावा विजय स्तंभ की ऊपरी मंजिल पर खिड़कियां है, जिसमें से बंदर विजय स्तम्भ के अंदर घुस जाते हैं और गंदगी फैलाते हैं।

पहले से यहां पर खिड़कियों को बंद करने के लोहे की जालियां बांधी गई थी जो भी टेडी होकर रास्ता बना हुआ है। इसके अंदर से वानर आसानी से अंदर चले जाते हैं। ऐसे में इन जालियों को भी ठीक करने को कहा है।

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