सब्जी विक्रेता बना राजस्थान का बप्पी लाहिरी, शरीर पर इतना पहनते सोना की आप जाऐंगे चौंक, जाने कौन

Chittorgarh News। मेवाड का सिरमौर राजस्थान की आन-बान शान चित्तौडगढ के एक सब्जी विक्रेता की सोने के प्रति लगाव व दीवानगी इस कदर हावी हुई की वह आज अपने शरीर पर हमेशा करीब साढे 3 किलो से अधिक सोने के आभूषण पहने रहते है और इसी दीवानगी ने उसे मेवाड का बप्पी लाहिरी और गोल्डमेन की पहचान दिला ख्याति दिला दी है ।

चित्तौडगढ निवासी कन्हैया लाल खटीक दो दशक पहले चित्तौडगढ मे सब्जी का ठेला लगाकर फेरी लगा सब्जियां बेचता था।

आज वह राजस्थान का बप्पी लाहिरी और गोल्डमेन के नाम से मशहूर है । कन्हैया लाल का फिल्मी दुनिया से कोई दूर-दूर तक नाता नही है लेकिन सोने से लगाव और हमेशा शरीर पर साढे 3 किलो वजनी सोने के आभूषण पहनने रहने के कारण उनको राजस्थान के बप्पी लाहिरी व गोल्डमेन की उपाधि (नाम) से पहचाना जाता है ।

कन्हैया लाल के गले मे हर समय सोने की साकंल जैसी सोने की चैन,हाथों की सभी उंगलियों मे सोने की अंगूठियां,हाथ की कलाई मे बडा सोने का ब्रेसलेट होता है यहां तक उनके मोबाइल और चप्पल मे भी सोना होता है इन सबका वजन साढे 3 किलो से अधिक होता है ।

इन आभूषणो को पहन कर जब कन्हैया लाल बाजार मे निकलता है तो देखने वाले लोगो की आंखे खुली की खुली रह जाती है और यहां तक की लोग चलते-चलते रूक जाते है कन्हैयालाल को देखने के लिए ।

बताया जाता है कि कन्हैया लाल खटीक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे और 20 साल पहले वह चित्तौड़गढ़ में सब्जी का ठेला लगाते थे उस दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें दो तोले की सोने की चेन कुछ समय तक पहनने के लिए दी बस तभी से

कन्हैया लाल को इस महंगी धातु से लगाव व दीवनगी हो गई और इन्हीं दिनों कश्मीर से सेब मंगा कर यहां बेचने का काम भी कन्हैया लाल ने शुरू किया जो धीरे-धीरे फलने-फूलने लगा इसके बाद कन्हैया लाल ने अपने सोने पहनने के शौक को पूरा किया और अब कन्हैया लाल को गोल्डमैन के रुप में पहचान मिली है ।