Jodhpur News : महज 10 माह की अबोध उम्र (Innocent age)में बाल विवाह (Child marriage)के बंधन में बंधकर 18 साल तक पीडाएं भोगने के बाद अब 19 वर्षीय उरमा बिश्नोई ने बाल विवाह को नकारने की हिम्मत दिखाई है। बाल विवाह व गौने के लिए अबुझ मुहूर्त आखातीज के पहले बालिका वधु उरमा ने सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डाॅ.कृति भारती का संबल पाकर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय (Family Court of Jodhpur) में बाल विवाह निरस्त करने की गुहार लगाई है। उधर, बालिका वधु व परिजनों को ससुराल वाले और जाति पंच लगातार दबाव बनाकर भयभीत कर रहे हैं।
कापरड़ा गांव (Kaparada Village) के जांबानगर निवासी उन्नीस वर्षीय उरमा बिश्नोई का मई 1999 में बाल विवाह कापरडा गांव के रामनगर निवासी युवक के साथ करवा दिया गया था। बाल विवाह के समय उरमा की उम्र महज 10 माह की ही थी।
मिल रही धमकियां
बालिका वधु उरमा ने वयस्क होने के बाद ससुरालवालों को बाल विवाह मानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद से ससुराल वालों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। उरमा व परिजनों के नाक-कान काटने व अन्य नुकसान पहंुचाने की धमकियां भी दी जा रही है। कई जाति पंच बाल विवाह खत्म करवाने पर जाति दंड लगाने व हुक्का-पानी बंद करने की धमकियां भी दे रहे है। जिससे उरमा व परिजन काफी भयभीत है।
सारथी का संबल, कोर्ट में दस्तक
इस बीच उरमा को सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डाॅ.कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में जानकारी मिली। जिस पर उरमा ने बाल विवाह निरस्त के लिए डाॅ.कृति भारती से सम्पर्क किया। सारथी ट्रस्ट की डाॅ.कृति भारती की मदद से उरमा ने जोधपुर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त के लिए वाद दायर किया है। जिसमें डाॅ.कृति भारती ने उरमा की आयु तथा अन्य संबंधित दस्तावेज भी न्यायालय के समक्ष पेश किए।
सारथी ट्रस्ट निरस्त में सिरमौर
गौरतलब है कि बाल विवाह निरस्त की अनूठी मुहिम में जुटे सारथी ट्रस्ट की कृति भारती ने ही देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था और उसके बाद 2015 में तीन दिन में दो बाल विवाह निरस्त करवाकर भी इतिहास रचा था। जिसके लिए कृति भारती का नाम वल्र्ड रिकाॅड्र्स इंडिया और लिम्का बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड सहित कई रिकाॅर्ड्स में दर्ज किया गया। सीबीएसई ने भी कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में सारथी की मुहिम को शामिल किया था। देश भर में अब तक केवल सारथी ट्रस्ट ने ही 35 जोडों के बाल विवाह निरस्त करवाए हैं। वहीं सैंकडों बाल विवाह रूकवाएं हैं। जिसके लिए कृति भारती को मारवाड व मेवाड रत्न के अलावा कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
इनका कहना है
– मुझे बाल विवाह मंजूर नहीं है। 10 माह की उम्र में ही बाल विवाह करवा दिया गया था। मैं पढ-लिखकर भविष्य संवारना चाहती हूं। बाल विवाह निरस्त के लिए कृति दीदी की मदद से वाद दायर किया है। अब मुझे जल्दी ही न्याय मिलने की उम्मीद हैं। – उरमा, बाल विवाह पीडिता।
– उरमा सुसरालवालों के दबाव में मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रही है। उसके बाल विवाह निरस्त के लिए न्यायालय में वाद दायर किया है। बाल विवाह निरस्त एवं बेहतर पुनर्वास के प्रयास किए जा रहे हैं। -डाॅ.कृति भारती, मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, सारथी ट्रस्ट, जोधपुर।