Jaipur News – राजस्थान राज्य के सरकारी चिकित्सालयों में चाइना निर्मित मल्टी पैरामीटर उपकरण काम कर रहे हैं। इसका पता हाल ही में अस्पतालों से मंगवाए गए उपकरणों की सूची में चला है। इसकी खरीद पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने नाराजगी जताते हुए जांच करवाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में लगे हुए मल्टी पैरामीटर मानीटर उपकरण जो आक्सीजन लेवल, बीपी लेवल तथ अन्य कार्य में आते हैं वे सब चाइना के शंघाई की कम्पनी निर्मित है। मरीजों को इनके भरोसे नहीं छोडा जा सकता। मंगलवार को मेेडिकल कालेज तथा जिला अस्पतालों के अधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि पता नहीं यह पाप किसने किया है पर मैं इसकी जांच करवाऊंगा।
मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारी
विभाग ने मौसमी बीमारियों से निपटने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। आने वाले दिनों में स्वाइन फ्लू की आहट देखते हुए 15 लाख टेमी फ्लू की खरीद पूरी हो चुकी है साथ ही स्टाफ को स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग की जानकारी भी जा रही है।
राज्य में अब आरएमआरएस (राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी) के फंड का समय पर उपयोग हो सकेगा। इस फंड के उपयोग के लिए नियमों को सरल बनाया जा रहा है। बता दें कि कोटा में भी आरएमआरएस फंड के छह करोड रुपए पडे थे और उनसे जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद हो सकती थी लेकिन कडे नियमों के कारण उस फंड का उपयोग नहीं पाया था। प्रदेश में आरएमआरएस फंड में अभी 500 करोड रुपए हैं।
राज्य के सभी अस्पतालों के आईसीयू के स्टाफ को वहीं लगाया जाएगा। उन्हे स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है ऐसे में आईसीयू के स्टाफ को दूसरे स्थान पर लगाने के लिए मना किया गया है। इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए 737 चिकित्सकों की भर्ती का काम अगले माह पूरा हो जाएगा।
निरोगी राजस्थान अभियान के तहत प्रदेश के सभी 42 हजार गांवों में एक महिला तथा एक पुरूष को स्वास्थ्य मित्र बनाया जाएगा। ये स्वास्थ्य मित्र घरों पर जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे।
एनएचएम की तर्ज पर अब चिकित्सा विभाग में भी सिविल विंग बनेगी। अस्पतालों के भवनों में टूट फूट व मेन्टेनेंस का कार्य देखने के लिए तथा नए मेडिकल कालेज के लिए अधिकारियों को कहा गया है कि अपना कैडर बनाओ। मरम्मत तथा अन्य कार्य के लिए अलग विंग के लिए एक्शन प्लान बनाओ।