Jaipur News – कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक माह में ही 100 बच्चों की मौत के बाद मचे बवाल के बीच मंगलवार को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इसकी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मेडिकल कालेज तथा अस्पतालों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि मैं चिकित्सा विभाग का मंत्री हूं, राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में कोई भी गडबड होती है तो यह मेरी जिम्मेदारी है, मेरे अलावा इसका कौन जिम्मेदार होगा। उनके बयान को लेकर राजनीतिक सुर्खियो का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोटा में हुई मौतों के बाद कहा था कि किसी ना किसी को तो इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
एसएमएस मेडिकल कालेज में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था तथा आगामी चुनौतियों से निपटने का रोडमैप बनाने के लिए मंगलवार चिकित्सा मंत्री की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। करीब तीन घंटे चली इस मैराथन बैठक में राज्य के सभी चिकित्सालयों में सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सिस्टम बनाने का निर्णय लिया गया। इसके पहले चरण में बडे अस्पतालों को शामिल किया गया है। इस दौरान चिकित्सालयों में उपकरणों तथा अन्य संसाधनों की कमी का डाटा भी लिया गया।
राज्य के अस्पतालों में कचरे का निस्तारण के लिए जल्द ही सिस्टम बनाया जाएगा। इसके लिए अन्य प्रदेशों के अस्पतालों के कचरा निस्तारण सिस्टम का विश्लेषण किया जाएगा तथा इसे सभी चिकित्सालयों में लागू किया जाएगा। साथ ही केन्द्रीयकृत सुरक्षा सिस्टम भी होगा जिसमें आर्मी के प्रशिक्षण प्राप्त जवानों को ही लगाया जाएगा।
बच्चों के अस्पतालों में संक्रमण रोकने के उपायों पर चर्चा की गई। इसमें सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर आईसीयू और एनआईसीयू में प्रशिक्षित स्टाफ के अलावा किसी को नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके लिए मौके पर सभी को निर्देशित किया गया।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि चिकित्सालयों की हालत सुधारने और मॉनीटरिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को जिले की जिम्मेदारी दी गई है।
अब सभी को कहा गया है कि उन्हें जिले के अस्पतालों में जाना ही होगा और वहां दौरा कर रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को सौंपनी होगी। इसके अलावा संयुक्त निदेशक अपने संभाग के अस्पतालों का दौरा करेंगे तथा सीएमएचओ उनके क्षेत्र की सीएचसी व पीएचसी का दौरा कर पूरी रिपोर्ट बनाएंगे।
इस दौरान चिकित्सा मंत्री भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि पिछले दिनों गुजरात के राजकोट में 135 बच्चों की मौत हुई। एक साल में 36 हजार बच्चों की मौत हुई है जबकि वहां 11 हजार करोड का बजट है। उत्तर प्रदेश का हालात तो और भी खराब है। मुख्यमंत्री योगी के गृह जिले में एक बैड पर दो-दो बच्चों को रखा है।
हम ऐसा नहीं कर रहे है, जैसा वो कर रहे है। वहां के अस्पतालों में बच्चों को ड्रिप लगी हुई है बच्चा गोद में है, लेकिन स्ट्रेचर नहीं दे रहे है। इस हालत को छोडकर मुख्यमंत्री योगी कोटा के हादसे पर कमेंट कर रहे है। वे पहले अपने राज्य पर ध्यान दें। 10 सबसे खराब परफोर्मेंस वाले राज्योंं में 9 वे है जहां बीजेपी की सरकार है।