टोंक। प्रदेश में उद्यमों की सरल स्थापना एवं राज्य के सभी वर्गों के लोगों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई है।
टोंक जिले में जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के सहयोग से मैसर्स विश्वकर्मा एग्रोटेक, एफ-82,रीको इंडस्ट्रियल टोंक के उद्यमी जितेन्द्र कुमावत को योजना के अंतर्गत 40 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया। योजना में लाभान्वित होने से पूर्व जितेन्द्र कुमावत लोहे की ट्राली बनाने का कार्य करता था।
समाचार पत्र में जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र द्वारा संचालित मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का विज्ञापन देखकर यहां से उसे स्वयं का उद्यम शुरू करने की प्रेरणा मिली। इसके पश्चात योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए जितेन्द्र ने स्थानीय टोंक कार्यालय में सम्पर्क कर स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया।
बैंक से ऋण स्वीकृत होने के पश्चात लाभार्थी जितेन्द्र ने इस राशि से उद्योग में काम आने वाली समस्त मशीनरी एवं उपकरण की खरीद कर अपना स्वयं का उद्यम स्थापित कर लिया है। वह राज्य सरकार का धन्यवाद देते हुए कहते है कि इस योजना की वजह से आज न केवल वह स्वयं का रोजगार कर रहे है, बल्कि अन्य 10 जरूरतमंद व्यक्तियों को रोजगार प्रदान कर रहे है। वर्तमान में जितेन्द्र द्वारा पत्थर पर कटाई, डिजाइनिंग का कार्य किया जा रहा है।
उसके द्वारा उत्पादित माल को स्थानीय व्यापारियों के साथ-साथ राज्य के बाहर के व्यापारियों को भी विक्रय किया जा रहा है। जितेन्द्र कुमावत को जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के माध्यम से प्रत्येक तिमाही में 30 हजार रूपये की राशि का ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त हो रहा है। जितेन्द्र कुमावत कहते है कि यह योजना छोटे उद्यमियों के सपनों को पूरा करती है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के उद्योग विभाग के अधीन जिलों में कार्यरत जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के माध्यम से क्रियान्विति यह योजना एमएसएमई क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की दृष्टि से सम्पूर्ण देश में अपनी तरह की अनूठी योजना है। छोटे व्यवसायी जो उद्योग स्थापित करने में रूचि रखते है, उनमें इस योजना से नये उत्साह का संचार हुआ है।