जनप्रतिनिधियों के साथ ओपन संवाद में बोले मुख्यमंत्री गहलोत, लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे मोदी सरकार

Chief Minister Gehlot said in open dialogue with public representatives

जयपुर। मुख्यमंत्र अशोक गहलोत ने आज अपने आवास पर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक, अधिकारी व आमजन से संवाद किया। इसमें लम्पी स्किन डिजीज से गौवंश को बचाने के लिए जिलों में जागरूकता अभियान, रोग की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों, पशुपालकों द्वारा पशुओं के उपचार में अपनाई जा रही पद्धति के बारे में चर्चा की गई। साथ ही, प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और प्रभावितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की गई।

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बैठक में 29 अगस्त से प्रदेश में आयोजित हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल की तैयारियों और सफल आयोजन को लेकर भी सुझावों का आदान-प्रदान हुआ। गहलोत ने सभी से लंपी रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम व बाढ़ राहत कार्य में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है।

गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में जिस मजबूती और संकल्प के साथ सभी ने बीमारी का मुकाबला किया उसी तरह लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए भी हम एकजुटता से कार्य कर रहे है। हमारी जिम्मेदारी है कि इस संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलें। उन्होंने कहा कि गौवंश में फैली इस बीमारी से निपटने के लिए हमें सभी भेद-भाव व मतभेद से ऊपर उठकर काम करना होगा। राज्य सरकार, जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक व जनसहभागिता से यह बीमारी अब घट रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई गई है।

लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केन्द्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्रीपुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रदेश में नंदीशालाएं स्थापित करने के लिए पशुपालकों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि गौवंश हमारा सम्मान है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 8 लाख गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7.40 लाख का उपचार हुआ है व लगभग 4.30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण की दर तेजी से घट रही है।

गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि यह महामारी देश के 16 राज्यों में फैल गई है। राज्य सरकार भी इस बीमारी को लेकर काफी चिंतित है। आरसीडीएफ द्वारा अब तक 6 लाख गोट पॉक्स के टीके वितरित किए जा चुके हैं। दवाई एवं वैक्सीन की खरीद में मुख्यमंत्री की अपील पर कई भामाशाह व स्वयंसेवी संगठन आगे आए हैं।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, सतीश पूनिया, गोविंद सिंह डोटासरा और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम ने भी अपने सुझाव दिए।