चिदंबरम को26 अगस्त तक रहेंगे सीबीआई की रिमांड पर

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नई दिल्ली 

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर सीबीआई को सौंपने का फैसला दिया है। बुधवार को जांच एजेंसी ने उन्हें नाटकीय घटनाक्रम के बाद उनके जोर बाग स्थित आवास से अरेस्ट किया था। जज अजय कुमार कुहाड़ की अदालत में सुनवाई के दौरान पी. चिदंबरम के वकीलों ने उन्हें जमानत देने की मांग करते हुए तमाम दलीलें दीं, लेकिन कोर्ट ने सभी को खारिज करते हुए उन्हें रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया।

चिदंबरम के मामले पर शाम को करीब 5 बजे तक सुनवाई और फिर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में हर दिन 30 मिनट तक वकीलों और परिजनों को चिदंबरम से मिलने की अनुमति दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि रिमांड के दौरान आरोपी की निजी गरिमा का हनन न हो।

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में केस डायरी भी पेश की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के लिए 5 दिन की रिमांड मांगते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनसे अभी और पूछताछ किए जाने की जरूरत है। मेहता ने कहा कि चिदंबरम खासे चतुर हैं और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे। कटघरे में खड़े चिदंबरम से जज अजय कुमार ने बैठ जाने को कहा तो इस पर उन्होंने कहा कि वह ऐसे ही ठीक हैं।

चिदंबरम का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा था कि मामले के अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कोर्ट में कहा, ‘FIPB को मंजूरी देने वालों में 6 सरकारी सचिव थे, सीबीआई ने उनमें से किसी को अरेस्ट नहीं किया। चिदंबरम ने कल 24 घंटे की मोहलत मांगी क्योंकि वह सोए नहीं थे। कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो गई है, चार्जशीट का ड्राफ्ट तैयार है, लेकिन उसे पेश नहीं किया गया। वहीं, एक अन्य वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई आखिर इतनी बेचैन क्यों है और क्यों उन्हें अचानक गिरफ्तार करने पर आमादा है। सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सीबीआई गलत तरीका अपना रही है, चिदंबरम उसके मन-मुताबिक जवाब नहीं देंगे।

पी. चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उन्हें बोलने देने की मांग की। एसजी तुषार मेहता के विरोध के बाद भी उन्हें बोलने का मौका मिला। चिदंबरम ने कहा कि कृपया आप सवालों और जवाबों को देखिए। ऐसा कोई सवाल नहीं है, जिसका मैंने जवाब न दिया हो। आप ट्रांस्क्रिप्ट पढ़िए। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरा बाहर कहीं कोई खाता है, मैंने कहा नहीं। उन्होंने पूछा कि क्या मेरे बेटे का विदेश में कोई खाता है, मैंने कहा, हां।

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