जयपुर
लाइफ स्टाइल और हार्मोनल बदलावों से अब कम उम्र में ही ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है। 40 की उम्र में ही महिलाएं इस खतरनाक रोग से पीडि़त होने लगी हैं। हालत यह है कि हर तीन मिनट में एक नया ब्रेस्ट कैंसर की मरीज सामने आती है और हर 13 मिनट में एक मृत्यु हो जाती है। यह बात राजधानी में शुक्रवार से शुरू हुई तीन दिवसीय इंटरनेशनल ब्रेस्ट सर्जन्स कान्फ्रेन्स में सामने आई। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज की नई तकनीकों पर मंथन के लिए देश-विदेश से डॉक्टर्स शुक्रवार से जयपुर में जुटे।
एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन इंडिया, सीतादेवी हॉस्पिटल व एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओर से आयोजित कांन्फ्रेन्स के आयोजन सचिव डॉ.उत्तम सोनी ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज की नई तकनीकों पर पहले दिन पांच सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई।
इस कान्फ्रेन्स में 450 से अधिक ब्रेस्ट सर्जन्स, प्लास्टिक सर्जन्स, ऑन्कोलॉजिस्ट भाग ले रहे हैं। निकले अंग का होगा पुनर्निर्माण कान्फ्रेन्स में इंग्लैंड के डॉ. ऋषिकेश परमेश्वर व डॉ. शंकर नारायणन ने बताया कि कैंसर के बाद यदि ब्रेस्ट को निकाला जाता है तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। नई तकनीक से इसका पुनर्निर्माण हो सकता है। इसके लिए शरीर के दूसरे हिस्सों से टिश्यू लेकर ब्रेस्ट की जगह ट्रांसफर कर नया अंग बना दिया जाता है
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खून की जांच से भी पता चलता है कैंसर
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