भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बन सकते हैं सांसद नारायण पंचारिया

प्रदेशाध्यक्ष के लिए अब तक सामने आए नामों में सबसे आगे राजेन्द्र राठौड का चल रहा है। इसके बाद कर्नल राज्यवर्धन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त माने जाते हैं और इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा आमेर विधायक सतीश पूनिया और चित्तौड सांसद सीपी जोशी का नाम भी प्रदेशाध्यक्ष के लिए दौड में हैं

BJP can become state president, MP Narayan Pancharia

 

जयपुर

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के निधन के बाद खाली हुए पद को भरने के लिए भाजपा नेताओं ने दिल्ली में मंथन तेज कर दिया है। हालांकि अभी तक इस पद के लिए कोई नाम तय नहीं हो पाया है। कयास है कि राज्य में जल्द ही होने वाले निकाय और पंचायतराज चुनावों को देखते हुए पार्टी प्रदेश में गुटबाजी से दूर निष्पक्ष छवि के नेता को यह पद सौंपने की तैयारी में हैं।
राज्य में वर्ष के अंत में होने वाले निकाय चुनाव के दौरान नए प्रदेश अध्यक्ष को मजबूती से बीजेपी को आगे रखने की चुनौती होगी। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर लंबे सांगठनिक अनुभव रखने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में अनुभवी और वरिष्ठï नेता को यह पद सौंपा जा सकता है। जिसके लिए केंद्रीय नेतृत्व जल्द निर्णय ले सकता है।
प्रदेशाध्यक्ष के लिए अब तक सामने आए नामों में सबसे आगे राजेन्द्र राठौड का चल रहा है। इसके बाद कर्नल राज्यवर्धन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त माने जाते हैं और इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा आमेर विधायक सतीश पूनिया और चित्तौड सांसद सीपी जोशी का नाम भी प्रदेशाध्यक्ष के लिए दौड में हैं। फिलहाल इन दोनों के पास भाजपा के सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी है और सतीश पूनिया अभियान के प्रदेश संयोजक तथा सीपी जोशी इस अभियान के प्रदेश सह संयोजक हैं।
इन सबके बीच राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया का नाम भी तेजी से आगे आया है। पंचारिया को संघ का पूरा सपोर्ट है साथ ही वे भूपेन्द्र यादव के नजदीकी भी माने जाते हैं। विवादों से दूर रहने वाले पंचारिया जोधपुर संभाग से आते हैं, ऐसे में मारवाड को तवज्जो देने के लिए इनके नाम पर विचार किया जा रहा है। संघ निष्ठï छवि के वासुदेव देवनानी भी प्रदेशाध्यक्ष की दौड में शामिल बताए जा रहें हैं। हालांकि अब तक पार्टी आलाकमान ने किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगाई है लेकिन संभावना है कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद कभी भी प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।