Bikaner News। प्रदेश में किया गया इस प्रकार का पहला सफल ऑपरेशन है एवं चिरंजीवी योजना अंतर्गत पूर्णतः निशुल्क किया गया।
ऑपरेशन की जटिलता :
15 वर्षीय किशोरी वर्षों से पेट दर्द की समस्या से पीड़ित थी। किशोरी को प्राथमिक एमेनोरिया एवं तीव्र क्रिप्टोमेनोरिया की शिकायत थी, जिसमें मासिक धर्म होता था, परंतु प्रवाहित नहीं हो पाता था एवं दर्दनाक मासिक धर्म की अनुभूति होती थी।
कई अस्पतालों ने उन्हें गर्भाशय निकलवाने की सलाह दी थी जो 15 वर्षीय किशोरी के आजीवन बांझपन का कारण बन सकता था। पूर्व में किशोरी का अन्य अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था जो असफल रहा था।
समस्या का निदान एवं उपचार :
विस्तृत जांचों से किशोरी की इस अवस्था का कारण ट्रांसवर्स वेजाइनल सेप्टम पाया गया। ट्रांसवर्स वेजाइनल सेप्टम मांसपेशियों से बनी एक रेशेदार झिल्ली होती है जिसमें मासिक धर्म संचित होने लगता है।
यह एक बेहद ही दुर्लभ जन्मजात विसंगति है जो भ्रूण विकास के दौरान बनती है। यह विसंगति लगभग एक लाख में से एक महिला में पायी जाती है जो इसके निदान एवं उपचार को उतना ही चुनौतीपूर्ण एवं जटिल भी बना देती है।
यह सर्जरी बेहद जटिल एवं व्यापक होती है। गर्भाशय, अंडाशय, फॉलोपियन ट्यूब्स, मूत्राशय, मलाशय और मूत्रमार्ग को क्षति होने का खतरा होता है। गर्भावस्था की संभावना को सुरक्षित रखने के लिए सुनिश्चित करना की गर्भाशय, ग्रीवा एवं योनि को कोई क्षति ना पहुंचे, बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।
इससे पहले ट्रांसवर्स वेजाइनल सेप्टम के उपचार के लिए गर्भाशय को निकाल दिया जाता था जिससे महिलाओं में आजीवन बांझपन के साथ हॉर्मोन्स सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती थी।
इस जटिल समस्या एवं हाई रिस्क अवस्था उपचार हेतु प्रदेश की पहली ट्रांसवर्स वेजाइनल सेप्टम रिसेक्शन सर्जरी की गयी। ऑपरेशन के बाद किशोरी को जन्मजात विसंगति से राहत मिली एवं भविष्य में गर्भावस्था की संभावना बनी रहेगी।
श्रीराम वीमेन एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, बीकानेर में किये गए इस ऑपरेशन में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. प्रीति राजपुरोहित, यूरोलॉजिस्ट डॉ. आर.एन. डागा, एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रवेश तनेजा, ओ.टी प्रभारी कासम, सहायक रमेश एवं सहायक मोईन शामिल थे।